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दुष्कर्म और हत्या के मामले मे 5 लोगो को फांसी की सजा एक को उम्र कैद! पिता के सामने पहले किशोरी से दुष्कर्म किया फिर की दोनों की हत्या

यह बहुत ही वीभत्स और दर्दनाक घटना है। साथ किसी न्यायालय ने गम्भीर अपराध मे एक साथ 5 लोगो को फांसी की सजा सुनाई हो।इन्होने एक पिता बेटी और उसकी नातिन की हत्या की। 

मकड़ाई एक्सप्रेस 24 कोरबा। यह दर्दनाक घटना आज से 4 वर्ष पूर्व का है जहां गढ़- उपरोड़ा मे पिता के सामने  पुत्री से सामूहिक दुष्कर्म करने के बाद दोनों के साथ चार वर्ष की मासूम नातिन की हत्या कर दी गई थी।

क्या थी पूरी घटना 

कस्बाई क्षेत्रों मे लोग अपने घरों मे काम करने के लिए आदिवासी परिवार से साल भर का सौदा करते है की वह हर माह रूपये अनाज देते है। घटना वनांचल लेमरू थाना अंतर्गत गढ़ उपरोडा में 29 जनवरी 2021 की है। लेमरू थाना के सतरेंगा निवासरत संतराम मंझवार 45 वर्ष के यहां पहाडी कोरवा परिवार रहता था और संतराम के मवेशी चराने का काम करता था। पहाड़ी कोरवा के परिवार में पति- पत्नी, उनकी 16 वर्षीय पुत्री तथा एक चार वर्ष की मासूम थी।

मवेशी चराने का हुआ करार

समझौता अनुसार संतराम को मवेशी चराने के एवज में प्रति माह 10 किलो चांवल एवं साल में 8000 रुपये देना था। लेकिन संतराम पहाड़ी कोरवा को केवल 6000 रुपये देता था। बाकी पैसा देने में ताल मटोल करता या बहस होने लगती थी।

 

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करार खत्म कर लौट रहे परिवार के साथ हुई हरकत

29 जनवरी को कोरवा परिवार ने काम नहीं करने की बात कही और अपना हिसाब कर गांव लौटने लगे। ग्राम सतरेंगा के बस स्टैंड में खड़े थे, तभी संतराम मंझवार अपने साथी अनिल कुमार सारथी 20 वर्ष, उमाशंकर यादव 22 वर्ष, परदेशी दास 35 वर्ष, आनंद दास 26 वर्ष एवं अब्दुल जब्बार उर्फ विक्की के साथ बाइक में पहुंचा। परिवार घर छोड़ने का कहकर बिठा लिया।षड्यन्त्र के अनुसार एक बाइक में महिला को आगे भेज दिया गया, जबकि पहाड़ी कोरवा, उसकी नाबालिग पुत्री व मासूम नातिन पीछे हो गए।

शराब पिलाकर पिता के सामने बेटी से सामूहिक दुष्कर्म

संतराम ने पहाड़ी कोरवा को शराब पिलाया। इसके बाद सभी ने कुछ दूर कर नाबालिग पुत्री से सामूहिक दष्कर्म किया। इस पर पिता ने विरोध किया तो डंडा व पत्थर से हमलाकर उसे मार दिया। इससे पहाड़ी कोरवा की मौत हो गई। अपराध छिपाने पुत्री व मासूम की भी पत्थर मार कर हत्या कर दी।

पुलिस ने सभी अपराधियो को किया गिरफ्तार

मामले में पुलिस ने सभी आरोपितों को गिरफ्तार कर अपर सेशन न्यायाधीश एफटीएससी (पाक्सो) में पेश किया। मामले में विशेष लोक अभियोजक सुनील कुमार मिश्रा ने पैरवी करते हुए बताया कि मामले की सुनवाई न्यायाधीश डॉ ममता भोजवानी के न्यायालय में हुई। सुनवाई के बाद न्यायालय ने दोष सिद्ध होने पर न्यायालय ने सजा सुनाई। इसके तहत न्यायालय ने विभिन्न धाराओं के तहत संतराम मंझवार, अब्दुल जब्बार, अनिल सारथी, आनंद दास व परदेशी को फांसी की सजा सुनाई गई।जबकि उनका साथी उमाशंकर सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। न्यायालय ने कहा है कि आरोपितों को तब तक फांसी पर लटकाया जाए, जब तक उनकी मृत्यु न हो जाए।