मकड़ाई एक्सप्रेस 24 इंदौर | क्राइम ब्रांच ने 7 सदस्यीय ठग गिरोह को पकड़ा है, जो कारोबारियों को निशाना बना रहा था। इस गिरोह का मास्टर माइंड इंजीनियर है, जिसने आयात-निर्यात कारोबारी से 17 लाख रुपये ठग लिए थे। उसने विदेशी ब्रांच की सामग्री 40 प्रतिशत कम में दिलवाने का झांसा दिया था। अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) राजेश हिंगणकर के मुताबिक साकेत नगर निवासी मनीष शर्मा द्वारा की गई शिकायत पर आरोपित आदित्य तिवारी और उसके साथी रोहन शर्मा, राहुल यादव, तरुण नागर, आकाश नामदेव, कपिल कालेझंगा, रोहन सागर को गिरफ्तार किया है।
मनीष आयात-निर्यात का कारोबार करते हैं। उनकी संदीप पाहुजा ने आदित्य से मुलाकात करवाई थी आदित्य ने बताया कि वह विदेशी कंपनी का अधिकृत एजेंट है, जो घड़ी, चश्मे, बेल्ट आदि बनाती है। आरोपित ने कहा कि कंपनी एजेंट होने के कारण कंपनी 40 प्रतिशत के डिस्काउंट पर सामान उपलब्ध करवा सकती है। आरोपित ने साजिश के तहत मनीष से 17 लाख 22 हजार रुपये स्वयं के खाते में आरटीजीएस के माध्यम से जमा करवा लिए। जैसे ही रुपये जमा हुए आरोपित रोहन पुलिसवाला बनकर आया और आदित्य को धमकाने लगा। इसके बाद उसका फोन भी बंद करवा दिया। शक होने पर मनीष ने थानों से जानकारी निकाली, लेकिन आदित्य के खिलाफ कोई केस नहीं था। डीसीपी (अपराध) निमिष अग्रवाल ने जांच करवाई तो पता चला पुलिसकर्मी बना रोहन तो ड्राइवर है। दूसरे आरोपित भी टैक्सी चालक, मैकेनिक है। पुलिस ने आदित्य का खाता फ्रीज करवा कर 16 लाख रुपये जब्त कर लिए हैं।