योजना अंतर्गत राशि जमा कर भूखंड बुक किए थे। लेकिन आश्वासन के नाम पर लंबे समय तक लटकाए रखा गया। भूखंडों का कब्जा नहीं दिलाया गया।
मकड़ाई एक्सप्रेस 24 जबलपुर । जिला उपभोक्ता फोरम ने अपने सख्त आदेश में साफ किया है कि यदि उसके आदेश का पालन नहीं किया गया तो दोषी को तीन साल की जेल व एक लाख रुपये जुर्माने की सजा भुगतनी होगी। इस ताकीद के साथ आयोग के अध्यक्ष नवीन कुमार सक्सेना व सदस्य सुषमा पटेल की युगलपीठ ने डा. बाबा साहेब आंबेडकर गृह निर्माण सहकारी समिति, जबलपुर के अध्यक्ष एलएम त्रिपाठी काे आदेशित किया है कि परिवादियों को भूखंड के बदले भूखंड या कलेक्टर गाइडलाइन के अनुसार कीमत अदा की जाए। यही नहीं मानसिक क्षतिपूर्ति बतौर 20-20 हजार व मुकदमे के खर्च के रूप में पांच-पांच हजार रुपये भी भुगतान किए जाएं।
परिवादी जबलपुर निवासी प्राची गुप्ता, विनोद कुमार मिश्रा, उमा गुप्ता व सरस्वती श्रीवास्तव की ओर से अधिवक्ता अरुण कुमार जैन, अमित कुमार साहू व जे. विकासनाथन ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि डा. बाबा साहेब आंबेडकर गृह निर्माण सहकारी समिति, जबलपुर ने भूखंड आवंटन की योजना बनाई थी। परिवादियों ने 1992, 93 व 94 में योजना अंतर्गत राशि जमा कर भूखंड बुक किए थे। लेकिन आश्वासन के नाम पर लंबे समय तक लटकाए रखा गया। भूखंडों का कब्जा नहीं दिलाा गया।