लोकायुक्त ने लेडी एसडीएम के ड्राईवर को डेढ़ लाख की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा ! लेडी SDM पर भी हुई कार्यवाही
मकड़ाई एक्सप्रेस 24 जबलपुर। प्रदेश की संस्कारधानी ऐतिहासिक नगरी जबलपुर में रिश्वतखोरी का मामला उजागर हुआ है। जिसमे शहपुरा भिटौनी एसडीएम नदीमा शीरी के ड्राइवर ( चपरासी) को डेढ़ लाख रुपये की रिश्वत लेते लोकायुक्त पुलिस ने रंगे हाथ पकड़ा। गौर करने वाली बात ये है की उक्त ड्राईवर की पोस्टिंग एसडीएम कार्यालय में चपरासी के रूप में हुई थी।
जानकारी के अनुसार कलेक्टर ने एसडीएम की भूमिका को संदिग्ध मानकर तत्काल प्रभाव से शाहपुरा तहसील से हटाकर कलेक्टर कार्यालय में अटैच कर दिया है। इधर लोकायुक्त ने भी एसडीएम की भूमिका की जांच शुरू कर दी है।
क्या था पूरा मामला
लोकायुक्त एसपी संजय साहू ने बताया कि शहपुरा तहसील में पदस्थ चपरासी सुनील कुमार पटेल को डेढ़ लाख रुपयों की रिश्वत लेते हुए टीम ने पकड़ा है। इसकी शिकायत शहपुरा भिटौनी के खमदेही गांव के संग्राम सिंह ने की थी।खामदेही के मुख्य मार्ग से लगी संग्राम के रिश्तेदार की एक एकड़ जमीन है। इस जमीन पर गांव के किसान बासमती धान का भंडारण करते हैं। 28 अक्टूबर को शहपुरा तहसीलदार ने मौके पर निरीक्षण कर पंचनामा बनाया था।इस पर एसडीएम ने आवेदक को कारण बताओ नोटिस दिया था। नोटिस मिलने पर मामले को रफा-दफा करवाने के लिए एसडीएम के चपरासी सुनील से बातचीत की गई थी तो उसने तीन लाख रुपयों की रिश्वत की मांग की थी।
लोकायुक्त के जाल में फंसा आरोपी
लोकायुक्त दल के उप पुलिस अधीक्षक दिलीप झरवडे, निरीक्षक कमल सिंह उईके, निरीक्षक नरेश बेहरा ने शिकायत के सत्यापन के लिए कॉल रिकॉर्ड की और मंगलवार को प्रार्थी और आरोपी मे रिश्वत की आधी राशि देने के लिए धनवंतरी नगर तय किया गया था। मौके पर रिश्वत के रूपये लेते आरोपी को लोकायुक्तटीम ने पकड़ा।
इधर कार्यवाही महिला एसडीएम पर भी हुई। शहपुरा की तत्कालीन एसडीएम नदीमा शीरी को आनन-फानन में कलेक्ट्रेट अटैच करने के पीछे भृत्य की ट्रैपिंग सामने आ रही है। पूर्व में भी इस तरह की शिकायत कलेक्ट्रेट तक पहुंची थी। जिम्मेदार समझ रहे हैं कि इतनी बड़ी राशि रिश्वत में एक भृत्य नहीं ले सकता है। लिहाजा, अपर कलेक्टर ने शीरी को हटाकर उसकी जगह शहपुरा का प्रभार डिप्टी कलेक्टर कुलदीप पाराशर को दिया है।