मकड़ाई एक्सप्रेस 24 भोपाल : म.प्र. विधानसभा चुनाव के नतीजो में मात्र दो दिन की दूरी हैं, चुनावी परिणाम को लेकर सभी राजनैतिक दलो के प्रत्याशी अपनी अपनी जीत का आंकलन लगा रहे हैं। एग्जिट पोल के पहले लोगो ने कांग्रेस को बहुमत की सरकार बनन तय बताया जा रहा था तो एग्जिट पोल के बाद अचानक लोगो के सुर बदल रहे हैं। एग्जिट पोल एक अनुमान और संभावित आंकड़ो पर निकाला गया परिणाम होता हैं। इसे सत्य नही माना जाना चाहिए यह सिर्फ अनुमानित आंकलन हैं।
क्या कह रहे एग्जिट पोल –
विभिन्न कंपनिया और मीडिया चैनल अपने अपने स्त्रोतो के माध्यम से राजनैतिक दल और उनके प्रत्याशी की ग्राउंड रिर्पोट तैयार करती है साथ क्षेत्र के लोगो की नब्ज टटोलने का प्रयास करती इस दौरान उन्हें प्रत्याशी के संभावित परिणाम के आंकडे़ पता चलते लोगो की मंशा क्या हैं और प्रत्याशी के बारे में उनकी राय क्या है। जिसका एक पूरा सर्वे रिर्पोट तैयार की जाती है और यह पूरे प्रदेश मे उस पार्टी की सरकार बनेगी या नही और उसे कितना सीट मिलने की संभावना यह बताया जाता हैं। वर्तमान विधानसभा चुनाव 2023 के नतीजे 3 दिसंबर को आयेगे मगर उससे पहले मीडिया द्वारा जो एग्जिट पोल के आंकड़ो में कांग्रेस पीछे धकेलते हुए भाजपा की सरकार बनती दिखाई जा रही है। जो कि सिर्फ अनुमानित और संभावना के आधार पर है वास्तविक आंकड़े रविवार को ही पता चलेंगे।
साल 2018 में विधानसभा चुनाव परिणाम –
साल 2018 में विधानसभा चुनाव परिणाम भाजपा के लिए नुकसानदायक थे और कांग्रेस मध्य प्रदेश में 15 साल का बाद सत्ता में लौटी । कांग्रेस की सरकार कमल नाथ के नेतृत्व बनी थी। कमलनाथ सरकार का डेढ साल तक बढ़िया सफर रहा। वही राजनैतिक उठा पठक के चलते कमलनाथ की सरकार गिरी और प्रदेश की कमान शिवराज सिंह ने संभालते हुए भाजपा की सरकार बनाई जो वर्तमान में है।
मप्र विधानसभा में सीट का आंकड़ा –
म.प्र. विधानसभा में 230 सदस्य है सरकार बनाने के लिए 116 सीटो का बहुमत होना चाहिए। लेकिन वर्ष 2018 में किसी भी दल को बहुमत नही मिला था। कांग्रेस के पास 114 सीटो के सबसे बडे़ दल के रुप में सामने आई। वहीं भाजपा 109 सीटो पर सिमट गई थी। कांग्रेस ने अपने सहयोगी बसपा, सपा और निर्दलीय विधायको के साथ मिलकर सरकार बनाई। वर्ष 2018 के चुनाव में भी एग्जिट पोल ने भाजपा की सरकार बनना बताया था।