जनवरी फरवरी में अचानक हुए हवा आंधी बारिश और औलावृष्टि से फसलों को हुआ बहुत नुकसान
मकड़ाई एक्सप्रेस 24 भोपाल। मौसम के बदलाव का दुष्प्रभाव मानव स्वास्थ्य के साथ फसलों पर भी पड़ा है। मौसम के बदलाव की मार से फसल उत्पादन पर खासा असर पड़ने वाला है। जहां एक और मौसम के बदलाव के कारण लोग अस्पताल पहुंच रहे है,तो दूसरी खेतों में खड़ी फसल का उत्पादन भी कम हो रहा है। किसानों ने कहा कि बीज कमजोर हो गया है।
इस संबंध में कृषि वैज्ञानिकों का कहना हैं तिलहन की फसलों पर 30 प्रतिशत उत्पादन कमजोर होने की संभावना है। इस बार लंबे समय तक कोहरा और सर्दी पड़ी इसके साथ ही जनवरी और फरवरी के माह में तेज आंधी पानी और ओलावृष्टि से फसलों को खासा नुकसान हुआ है।
सब्जी के उत्पादन कम होने से दाम बढे़
मौसम के दुष्प्रभाव के चलते उत्पादन कम होने से सब्जी के भाव बढ़ गए थें अभी आने वाले समय में भी दाम बढ़ सकते है। कृषि वैज्ञानिक मानना है कि इस बार जिन फसलों की बुवाई पहले हो गई थी और पककर खेतों में तैयार खड़ी थी| अचानक हुए बारिश ने उन्हे ज्यादा नुकसान पहुंचाया है। विशेषकर सरसों, गेहूं, मसूर आदि की फसलें हैं।
30 प्रतिशत फसलों का उत्पादन कम
फसलों को जनवरी के पूरे माह घने कोहरे और कड़ाके की ठंड का दंश झेलना पड़ा। जिसके कारण इन फसलों में बाल तो लगी। कड़ाके की ठंड के कारण वह पक नहीं सकीं। इसलिए दाना ठीक से नहीं बन सका। इस कारण से करीब 30 प्रतिशत अगेती फसलों का उत्पादन कम होने वाला है।यही कारण है कि सब्जी की फसलों पर भी मौसम का बुरा प्रभाव पड़ा है।.मौसम आई आंधी.पानी और ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान हुआ है। फरवरी और मार्च माह में अचानक हुई बारिश के कारण गेहूं, चना, मसूर और सरसों की फसल को काफी नुकसान हुआ है। तेज हवा बारिश और औलावृष्टि के कारण फसलें जमीन पर बिछ गईं। जो फसलें कटकर खलिहान में पहुंच गई थीं उन्हें और भी ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा।