मकड़ाई समाचार धार। धार जिले के तिरला विकासखंड के ग्राम चीकलिया के किसान मनोज पाटीदार से पीएम नरेंद्र मोदी ने संवाद किया। इसमें मुख्य रूप से किसान ने बताया कि वह अपने परिवार के छह सदस्यों के साथ धार के पीजी कॉलेज ऑडिटोरियम में आया हुआ है और वह कक्षा दसवीं उत्तीर्ण है। उसके बाद उसने तत्वज्ञान की शिक्षा पांडुरंग शास्त्री आठवाले संस्थान से ली है।
प्रधानमंत्री ने पूछा कि अहमदाबाद से शिक्षा ली है तो किसान पाटीदार ने बताया कि अहमदाबाद और मुंबई दोनों से ही मैंने शिक्षा ली है। किसान ने बताया कि मेरे पास 6 हेक्टर जमीन है। रबी में में मटर, गेहूं आदि की फसलें लेता हूं। जबकी खरीफ में सोयाबीन और मक्का की फसल लेता हूं। मुझे अब तक पांच बार किसान सम्मान निधि मिल चुकी हैं। जिसके तहत 10 हजार रुपए मिले हैं। प्रधानमंत्री ने पूछा कि इसका क्या उपयोग किया तो उन्होंने बताया कि दवाई, खाद, बीज से लेकर ट्रैक्टर आदि के लिए किया। मैंने समय-समय पर राशि मिलने के कारण खर्च की है। इसका मुझे फायदा मिला है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूछा कि मनोज पाटीदार जी आपको नए कृषि कानून के आने के पहले और बाद की स्थिति में क्या फर्क लग रहा है। उस पर किसान पाटीदार ने बताया कि क कृषि कानून का फायदा है। क्योंकि हमें इस बात का विकल्प मिल गया है कि किसी भी तरह से हम अब मंडी पर ही निर्भर नहीं है। बल्कि हमारे पास में निजी व्यापारी से लेकर हमारे पास में बड़ी संस्था है। यहां पर हम सोयाबीन दे सकते हैं। मैंने आईटीसी चौपाल कंपनी के सोया चौपाल पर अपनी सोयाबीन रेट 4 हजार 100 रुपए प्रति क्विंटल में बेची। मुझे अच्छा भाव मिला। करीब 85 क्विंटल में नई सोयाबीन बेची।
पाटीदार ने बताया कि विशेष रूप से हमें वहां पर यह देखने को मिलता है कि वहां पर एक दिन पहले ही भाव बता दिए जाते हैं। साथ ही उसमें जो भी विकल्प है वे बता दिए जाते हैं। ताकि यदि हमें नहीं बेचना हो तो हम नहीं बेचे। प्रधानमंत्री ने पूछा कि क्या आपके साथ ऐसा होता है कि कतिपय लोग मिट्टी और अन्य नाम पर यह सामग्री की कटौती कर लेते हैं और नुकसान पहुंचा दें। इस पर किसान ने कहा कि ऐसा नहीं है। आईटीसी चौपाल पर हमें सारी जानकारी दी जाती है। सारी फसल का परीक्षण हमारे सामने ही किया जाता है और इसी के आधार पर हम अपनी फसल बेचने का निर्णय लेते हैं।
प्रधानमंत्री ने पूछा कि आपको नए कृषि कानून पर क्या पूरा विश्वास है। उस पर किसान पाटीदार ने कहा कि हां मुझे पूरा भरोसा है। इधर मनोज पाटीदार ने अपनी एक महत्वपूर्ण बात रखी। इसमें उन्होंने बताया कि उनके खेतों में जंगली जानवर के तौर पर नीलगाय द्वारा काफी नुकसान पहुंचाया जाता है। इस पर प्रधानमंत्री ने कहा कि यह बात सत्य है। किसानों की फसलों को जंगली जानवर नुकसान पहुंचाते हैं।
उन्होंने कहा कि जब मैं गुजरात में मुख्यमंत्री था। तब भी मेरे सामने समस्या आती थी। वर्तमान में कुछ लोग जो किसान कानून के नाम पर विरोध कर रहे हैं। वही लोग ऐसे किसान यदि पशु मार देते हैं तो वह उन्हें जेल भेज सकते हैं। उनकी विचारधारा अलग है। एक आंदोलन अलग करते हैं। दूसरा आंदोलन अलग करते हैं। उन्होंने कहा कि आपने अच्छी बात मेरे सामने लाई है। हम इसके विकल्प पर विचार करेंगे, आगे ध्यान देंगे।