हरदा। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय हरदा की ब्रह्माकुमारी बहनों एवं समाज सेविका श्रीमती ऊषा गोयल जी ने जिला जेल हरदा में रक्षाबंधन के पावन पर्व पर कार्यक्रम का आयोजन किया जिसमें बीके किरण बहन ने रक्षाबंधन का अध्यात्मिक रहस्य समझाते हुए कहा कि रक्षाबंधन दो शब्दों से मिलकर बना होता है रक्षाबंधन। परमात्मा स्नेह एवं मर्यादाओं का बंधन जब बांधते हैं तो विकारों एवं विकृतियों से सर्व की रक्षा होती है ।
और हम सच्ची स्वतंत्रता का अनुभव कर सकते हैं। मस्तक पर तिलक आत्मिक स्वरूप की स्मृति दिलाता है कि हम अजर अमर अविनाशी आत्मा है और परम सत्ता परमात्मा की संतान हैं। राखी मन वचन कर्म की पवित्रता का प्रतीक है जिससे जीवन में सच्चे सुख और शांति का अनुभव होता है। राखी को सीधे हाथ में बांधनें का भाव है कि अपने विचार, भावनाएं एवं कर्म सकारात्मक रखना, मिठाई खिलाना अर्थात अपनी वाणी को, भावनाओं को, कर्म व्यवहार को सरल मधुर बनाना है। कम बोलो, धीरे बोलो, मीठा बोलो इसे जीवन में चरितार्थ करना।
बहन जब भाई को राखी बांधती है तो भाई बदले में कुछ उपहार या खर्ची देते हैं तो परमात्मा को खर्ची के रूप में अपने अंदर की कमी कमजोरी या ऐसा कोई संस्कार जो हमें दुखी करता है और दूसरों को भी परेशान करता है वह हमें अर्पित करना है। बी.के. राजेश भाई ने कहा ’’इसे जेल नहीं समझे यह तपस्या का स्थल है, जहॉं आप अपने गुनाहों का पश्चाताप कर उनसे मुक्त होने की साधना कर सकते हो। अपने दृष्टिकोण को सकारात्मक बनाएं नकारात्मक विचारों के बंधन से स्वयं को मुक्त होने की साधना कर सकते हो।’’
इस अवसर पर रक्षा सूत्र बंधवाते समय एक अवगुण छोडने का संकल्प करवाया गया। श्रीमती ऊषा गोयल ने कहा कि क्रोध आवेश में आकर कोई ऐसा कर्म अब नहीं करना है जिसके कारण सजा भोगनी पडे। इसीलिए आज क्रोध छोडने का संकल्प करें।
श्री प्रभात कुमार, जेल अधीक्षक ने भी बंदियों को रक्षाबंधन पर्व का महत्व बताया एवं शुभकामनाएॅं दी। कार्यक्रम में डॉ. अतुल अग्रवाल, डॉ. माधव अग्रवाल, श्री सुनील भायरे, श्री रफीक खान, श्री अशफाक खान, श्री नारायण नामदेव एवं जेल स्टॉफ भी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में श्री योगेश शर्मा, उप अधीक्षक ने आगंतुक का अभिवादन कर ऐसे कार्यक्रम समाज सुधारकों द्वारा जेल के बंदियों में सुधार हेतु रखे जाने हेतु कहा