RBI New Policy : आरबीआई के द्वारा लोगों के लिए राहत भरा फैसला लिया गया है। आपको बता दें कि आरबीआई ने आने वाले सप्ताह के आखिर में पेश होने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा में प्रमुख नीतिगत दर रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर स्थिर किया जा सकता है। इसका अर्थ है कि खुदरा और कॉरपोरेट कर्जदारों के लिए ब्याज दरों को स्थिर किया जा सकता है। वहीं विशेषज्ञयों का राय दी है कि ये दरें रूस और यूक्रेन के यूद्ध को देखते हुई बढ़ीं थी और इस साल फरवली में ये 6.5 फीसदी तक पहुंच गई थी। इसके बाद लगातार पिछली तीन द्विमासिक नीति समीक्षा बैठकों में नीतिगत दर को स्थिर किया गया है।
6 अक्टूबर को होगी पॉलिसी की घोषणा
RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली 6 सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति की तीन दिन की बैठक 4 अक्टूबर को शुरु होगी। बैठक के नतीजों की घोषणा इस शुक्रवार को होगी। BOB के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा कि इस बार की मौद्रिक नीति में मौजूदा दर संरचना के साथ में नीतिगत रूख के जारी होने की संभावना है। इसीलिए रेपो रेट में 6.5 फीसदी को बरकरार रखा गया है। उन्होंने ये भी कहा कि इस खुदरा मुद्रास्फीति को अब भी 6.8 फीसदी के उच्च स्तर पर पहुंचाया गया है और इस सितंबर तक अक्टूबर में इसमें कमी आने की आशा है, लेकिन खरीफ की उत्पादन को लेकर कुछ आशंकाएं हैं, जिससे कीमतों में इजाफा हो सकता है।
RBI का उदार रवैया जारी
वहीं नारेडको के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजन बंदेलकर कहते हैं कि RBI की ओर से उदार रवैये को जारी किया जा सकता है। RBI ने बीते काफी समय से नीतिगत दरों को स्थिर रखा हुआ है। जिसका लाभ सेक्टर को मिला है। फिर भी चल रहे त्योहार के सीजन को देखते हुए रियल एस्टेट क्षेत्र की तरफ से स्पेशली ये ध्यान देने की आवश्यकता है। इस समय बैंक का कदम लोगो को घर दिलाने में मदद कर रहा है।
देश में रियर एस्टेट क्षेत्र में मजबूत मांग को देखते हुए ये जरुरी हो गया है कि हम कम ब्याज दरों को बनाएं रखें। ये दृष्टिकोण खरीदारों को संपत्ति खरीदने के लिए लोन लेने हेतु प्रभावी ढंग से प्रोत्साहित कर सकता है। जिसके परिणामस्वरूप सभी रियर एस्टेट मार्केट की गतिविधि को बढालवा मिल सकता है। ऐसा माना जा रहा है कि RBI बैंकिंग प्रणाली में एक फ्लेक्शिबिली बनाएंगा क्यों कि बैंकों को डेवलपर्स और खरीदारों दोनों को लोन और फाइनेंशिंग ऑप्शन देने में काफी सक्षम है।
RBI के द्वारा रेपो रेट को कम करने पर विचार
इसके बाद प्रबंध निदेशक विकास गर्ग कहते हैं कि हमें आशा है कि RBI अपना उद्योग अनुकूल रुख जारी रखेगा और रेपो रेट को स्थिर रखेगा। बहराल मैं यही कहूंगा कि रेपो रेट को कम करने पर विचार किया जाना चाहिए। ये पहली बाक घर खरीदने को संपत्ति मार्केट में निवेश करने के लिए और साथ में सपत्ति लोन की ब्याज दरों जैसे अवसादों को कम करने में एक महत्वपूर्ण प्रयास रखेगा। रियर एस्टेट सेक्टर में बढ़ी हुई मांग के कारण सेक्टर अभी तक इससे काफी हद तक अप्रभावित नजर आ रहा है। कुल मिलाकर ये कहें कि हम इनवेस्टमेंट को आगे बढ़ाने में एक सराहनीय संस्थागत हस्तक्षेप का स्वागत करेंगे।