ब्रेकिंग
भोपाल: दुष्कर्म और ब्लैकमेलिंग के पांच आरोपी को पुलिस ने लिए रिमांड पर! पांचो आरोपियो के बैंक खातों ... अयोध्या श्रीराम मंदिर के शिखर पर स्थापित किया स्वर्ण कलश! मंदिर के स्वर्ण कलश की आभा से दमका क्षेत्र हरदा पुलिस को मिली बड़ी सफलता, डकैती की योजना बना रहे थे। 6 बदमाश, 3 पकड़ाए ,3 अंधेरे का फायदा उठाकर... Aaj ka rashifal: आज दिनांक 3 जून 2025 का राशिफल, जानिए आज क्या कहते है आपके भाग्य के सितारे राहुल गांधी आज आएंगे भोपाल,'संगठन सृजन अभियान' की करेंगे शुरुआत हरदा: नर्मदा नदी में डूबे 3 युवक, मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपए की सहायता स्वीकृत मप्र पुलिस भर्ती परीक्षा फर्जीवाड़ा: आरक्षको के आधार की जांच मे खुल रही पोल! ग्वालियर में 5, शिवपुरी ... हंडिया: 1 करोड़ की राशि से किए जा रहे रिद्धनाथ घाट सौंदर्यकरण निर्माण कार्य का विधायक दोगने ने किया ... एमपी राज्‍य निर्वाचन आयोग का नया कदम , अब होंगे पेपरलेस इलेक्‍शन – सारिका घारू, हरदा जिले की ग्राम प... अमेरिका मे फलिस्तीन आजाद करो कह भीड़ पर फेंका बम!  अचानक फटे बम से दहशत का बना माहौल 6 बुजुर्ग घायल

Statue of Unity: मोदी बोले, पटेल न होते तो शिवभक्तों को लेना पड़ता सोमनाथ तक का वीजा

केवडिय़ा (गुजरात): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सरदार वल्लभ भाई पटेल की 182 मीटर ऊंची प्रतिमा को लोकर्पण करते हुए कहा कि यह भारत को विखंडित करने के प्रयासों को विफल करने वाले व्यक्ति के साहस की याद दिलाती रहेगी। गुजरात के राज्यपाल ओ. पी.कोहली, मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ‘स्टैचू ऑफ यूनिटी’ के लोकार्पण के दौरान मौजूद थे। प्रतिमा का लोकार्पण सरदार पटेल की 143वीं जयंती पर हुआ।
मोदी के संबोधन के प्रमुख अंश

- Install Android App -

  • यदि सरदार पटेल ने देश का एकीकरण नहीं किया होता तो हमें बब्बर शेरों को देखने, सोमनाथ के दर्शन करने और हैदराबाद में चारमीनार देखने के लिए वीजा की जरूरत पड़ती।
  • जो लोग भारत के अस्तित्व पर सवाल उठाते हैं उन्हें यह प्रतिमा सदा याद दिलाती रहेगी कि यह देश था, है और हमेशा रहेगा।
  • स्टैचू ऑफ यूनिटी’ देश की इंजीनियरिंग और तकनीकी कौशल का उदाहरण है।
  • स्टैचू ऑफ यूनिटी का लोकार्पण देश के लिए ऐतिहासिक पल है और इसे इतिहास से कभी कोई नहीं मिटा सकता।
  • महापुरुष की दुनिया की यह सबसे ऊंची मूर्ति नए भारत के युवाओं के आत्मविश्वास की भी अभिव्यक्ति है।
  • कुछ लोग राजनीतिक चश्मे से देखने और इसके लिए उनकी आलोचना करने का दु:साहस कर रहे हैं। यह मूर्ति न केवल गुजरात के इस आदिवासी बहुल इलाके को एकता का तीर्थ बना देगी बल्कि इसके और यहां के निवासी आदिवासियों के विकास का भी रास्ता खोलेगी।
  • सरदार पटेल के सम्मान के लिए हमारी आलोचना की जाती है। ऐसा महसूस कराया जाता है जैसे हमने बहुत बड़ा अपराध कर दिया है। क्या महापुरुषों को याद करना अपराध है।
  • देश-भक्ति की भावना के बल पर ही हमारी सभ्यता हजारों वर्षों से फल फूल रही है। किसी भी देश इतिहास में ऐसे अवसर आते हैं जब वो पूर्णता का एहसास कराते है।
  • यह वह पल होता है जो किसी राष्ट्र के इतिहास में हमेशा के लिए दर्ज हो जाता है, उसे मिटा पाना बहुत मुश्किल होता है, आज का यह दिन भी भारत के इतिहास के ऐसे ही कुछ क्षणों में से एक महत्वपूर्ण पल है।
  • यह प्रतिमा इतिहास का एक सुनहरा पन्ना बनने के साथ ही भविष्य के लिए प्रेरणा का गगनचुंबी आधार भी बना है।

    बता दें कि यह प्रतिमा अमेरिका में स्थित ‘स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी’ से करीब दो गुनी ऊंची है और गुजरात के नर्मदा जिले में सरदार सरोवर बांध के पास साधु बेट नामक छोटे द्वीप पर स्थापित की गई है। इस प्रतिमा के निर्माण में 70,000 टन से ज्यादा सीमेंट, 18,500 टन री-एंफोंर्समेंट स्टील, 6,000 टन स्टील और 1,700 मीट्रिक टन कांसा का इस्तेमाल हुआ है।