महिला उद्यमियों का सुझाव केवल लाड़ली बहना योजना से महिलाओं का आर्थिक सुधार संभव नहीं
दोस्तों, आज हम बात करेंगे एक महत्वपूर्ण मुद्दे पर – “एमपी में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए और भी योजनाओं की आवश्यकता क्यों है?” यह सवाल इन दिनों ज्यादा उठ रहा है, खासकर जब हम देख रहे हैं कि मध्यप्रदेश में लाड़ली बहना योजना काफी चर्चित हो रही है। हालांकि, कुछ महिला उद्यमियों का मानना है कि केवल लाड़ली बहना योजना से महिलाओं की आर्थिक स्थिति में सुधार संभव नहीं है, और इसके साथ-साथ सरकार को और भी योजनाओं पर ध्यान देना चाहिए।
लाड़ली बहना योजना से आत्मनिर्भरता का सवाल
मध्यप्रदेश में लाड़ली बहना योजना को लेकर राजनीति और चर्चा जोरों पर है। इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक सहायता देना था, लेकिन अब यह सवाल उठने लगा है कि क्या केवल सरकारी मदद से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है? महिला उद्यमियों के अनुसार, सिर्फ आर्थिक सहायता से ज्यादा जरुरी है कि महिलाएं खुद अपने पैरों पर खड़ी हो सकें और अपना कारोबार चला सकें।
महिला उद्यमी संघ का विचार
मध्यप्रदेश महिला उद्यमी संघ (मावे) की अध्यक्ष डॉ. अर्चना भटनागर का कहना है कि राज्य सरकार को ऐसी योजनाएं शुरू करनी चाहिए, जो महिलाओं को आर्थिक रूप से सक्षम बनाए और उन्हें व्यवसायिक अवसर प्रदान करें। उनका यह भी मानना है कि महिलाओं के लिए ऐसे उद्योगों की तरफ़ कदम बढ़ाना चाहिए, जो उन्हें अधिक रोजगार देने के साथ-साथ खुद का कारोबार स्थापित करने में मदद कर सकें। डॉ. अर्चना भटनागर खुद हायलाइड केमिकल्स कंपनी की एमडी भी हैं और इस क्षेत्र में काम करने वाली एक सफल महिला उद्यमी हैं।
महिला उद्यमियों को बढ़ावा देने की आवश्यकता
महिला उद्यमियों का मानना है कि सरकार को उन उद्योगों को प्रोत्साहन देना चाहिए, जो महिलाओं के लिए ज्यादा से ज्यादा रोजगार उत्पन्न कर सकें। इसके अलावा, राज्य में ऐसी योजनाएं बनानी चाहिए, जो महिला उद्यमियों को अपने व्यवसाय शुरू करने के लिए मदद करें।
साथ ही, अन्य महिला उद्यमियों जैसे सतरूपा राबरा, मोनिका जोली और निशा नायक ने भी इस विचार का समर्थन किया है और कहा है कि सरकार को महिला उद्यमियों के लिए शहर के मध्य कॉमन फैसिलिटी सेंटर स्थापित करने चाहिए। ऐसे सेंटर में महिलाएं अपना कारोबार चला सकती हैं और खुद के रोजगार का निर्माण कर सकती हैं।
महिला उद्यमियों को सम्मान
महिलाओं के लिए एक और खुशी की बात यह है कि हाल ही में मावे शाइन अवार्ड्स से सम्मानित किया गया। यह अवार्ड उन महिला उद्यमियों को दिया गया जिन्होंने छोटे शहरों में भी संघर्षों के बावजूद अपना व्यवसाय शुरू किया और उसे सफल बनाया। यह सम्मान समारोह कुशाभाऊ ठाकरे हॉल में आयोजित किया गया, जिसमें सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री चैतन्य काश्यप भी मौजूद रहे।
समाप्त करते हुए, हमें यह समझना चाहिए कि केवल योजनाओं के जरिए महिलाओं की स्थिति को बेहतर नहीं किया जा सकता। इसके लिए महिला उद्यमियों को भी आगे बढ़ाने की जरूरत है। उन्हें अपने व्यवसाय स्थापित करने और आत्मनिर्भर बनने के अवसर दिए जाने चाहिए। अगर सरकार इस दिशा में कदम बढ़ाती है, तो यकीनन महिलाएं आत्मनिर्भर बन सकती हैं और समाज में अपने योगदान से एक मिसाल कायम कर सकती हैं।
तो दोस्तों, क्या आप भी मानते हैं कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए और भी योजनाओं की जरूरत है? अपनी राय हमें जरूर बताएं!
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