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Victory Day (16th December): आज ही के दिन पाकिस्तान को मिली करारी शिकस्त, भारतीय फौज के सामने 93K पाक सैनिकों ने किया था आत्मसमर्पण

मकड़ाई एक्सप्रेस 24 नई दिल्ली : स्वतंत्रता के बाद से आज़ाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनातनी बनी रही है और इसका मुख्य कारण यह भी है कि दोनों देशों की स्वतंत्रता 1947 में मिली है। इसके लिए तमाम तरह के दंगे फसाद किए गए लोगो का कत्लेआम किया गया देश के 2 टुकडे़ किए अंग्रेजो की फूट डालो और राज करो की नीति ने देश का विभाजन कर दिया।

भारतीय सेना ने 16 दिसंबर को विजय दिवस रूप में मनाया –

1971 के विश्वयुद्ध में पाकिस्तान को मिली करारी शिकस्त के बाद आज भी यह देखा जा रहा है कि वह अपने आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा है। भारतीय सेना ने 16 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान की सेना को बहुत बड़ी हार का सामना कराया था इसी कारण आज के दिन को विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है।

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पाकिस्तानी फौज को चेतावनी दी –

सेना ने युद्ध के दौरान पाकिस्तान को अगाह किया कि अब भारतीय सेना बांग्लादेश में है और तुम्हारी वायुसेना को पूरी तरह से नष्ट कर दिया गया है, और आपको चारों ओर से घेरा गया है। सरेंडर नहीं किया तो मारे जाने की चेतावनी दी गई। इस एक संदेश ने पाकिस्तानी फौज की सभी उम्मीदें खत्म कर दीं। थोड़ी देर बाद 16 दिसंबर 1971 को पाकिस्तानी सेना के 93 हजार से ज्यादा सैनिकों ने ढाका में भारतीय सेना के सामने सरेंडर कर दिया।

बांग्लादेश एक स्वतंत्र राष्ट्र –

तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और जनरल मनेकशा की कुशल रणनीति के तहत पाकिस्तान को करारी हार का सामना करना पड़ा और बांग्लादेश  एक स्वतंत्र राष्ट्र की स्थापना की। हिंदुस्तान आज इस शौर्यगाथा को विजय दिवस के रूप में मनाता हैए और सेना ने इस दिन को अपने अनूठे तरीके से मनाया है। 1971 के युद्ध की अद्वितीय दृष्टि को दिखाते हुए एक वीडियो में सेना ने पाकिस्तान के दर्दों पर नमक चिढ़ाया है।