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What is Silent Attack : ‘सावधान’ दबे पांव से आता साइलेंट अटैक हो रही है मौतें…लक्षण, कैसे बचे, उपचार ?

वर्तमान में मौसम में तापमान में विषमता, अव्यवस्थित जीवन शैली के चलते के चलते अचानक लोगो की तकलीफें बढ़ रही हैं | अभी सायलेंट अटैक के मामलों में किशोर किशोरियों की मौतें हुई तो कुछ 40 वर्ष से अधिक आयु के लोगो की मौत हो रही है। आईए जानते है क्या कारण और निदान हो सकते है। सायलेंट अटैक अधिकतर सुबह के समय ही होता है।

मकड़ाई एक्सप्रेस 24 स्वास्थ्य : सायलेंट हार्ट अटैक अचानक होता है और व्यक्ति को संभलने का मौका भी नही देता यह कब और कहां किसे आ जाए कुछ कहा नही जा सकता हैं। एक व्यक्ति कुछ देर पहले दोस्तो के साथ पार्टी इंजाय कर रहा है और कुछ पल के लिए अलग हुआ और दोस्तों को पता चलता है कि उसकी मौत सायलेंट अटैक से हो गई ऐसी अनेक घटनाएं सामने आ रही है।

साइलेंट हार्ट अटैक लक्षण क्या है –

सामान्यत तौर साइलेंट हार्ट अटैक में इंसान की छाती के बीच में हलका दर्द होता। इस दौरान उसे साँस लेने में तकलीफ होती है चक्कर भी आते है। यह दिखाई भी दे सकते और नही भी। छाती में दर्द होना या फैलना सा महसूस होता है।

मिनी हार्ट अटैक होता है बिमारी की शुरुआत का लक्षण –

मिनी हार्ट अटैक यह भी गंभीर बिमारी का शुरुआती संकेत हैं। मतलब इंसान को अपने स्वास्थ्य के प्रति गंभीर होने की आवश्यकता है। हार्ट से जुड़ी धमनियों में रुकावट होना ही हार्ट अटैक कहलाता हैं। यह रुकावट कोलेस्ट्रॉल के जमने या किसी और की वजह से धमनियां सिकुड़ जाए खून के आने-जाने का रास्ता बंद हो जाए तो इंसान को हार्ट की समस्या होती है।

कैसे होता है हार्ट अटैक –

हार्ट अटैक के दौरान धमनी में केवल आंशिक रुकावट होती है। इसका मतलब यह है कि रुकावट पूरी होने की तुलना में हृदय को कम नुकसान हो सकता है हार्ट अटैक आने से कुछ सप्ताह पहले ही बहुत ज्यादा पसीना आना और पसीने में चिपचिपापन बढ़ जाता है, बार.बार जी मतली और उल्टी होने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इनके साथ ही चक्कर आना, कमजोरी और बेहोश होने जैसी परेशानियां भी दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ाती है। मानसिक तनाव और डिप्रेशन और सोशल स्ट्रेस जिसकी वजह से भी हार्ट अटैक का रिस्क बढ़ रहा |

साइलेंट हार्ट अटैक से कैसे बचे –

  • डाइट में सलाद, वेजिटेबल्स, ज्यादा शामिल करें।
  • रेग्युलर वॉक, एक्सरसाइज, योगासन करें।
  • सिगरेट, शराब जैसे नशे से दूर रहें।
  • खुश रहें, स्ट्रेस और टेंशन से बचें।
  • रेग्युलर मेडिकल चेक.अप करवाएं।

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आकस्मिक उपचार तुरंत डाक्टर को दिखाएं –

जीभ के नीचे सॉर्बिट्रेट एस्पिरिन टैबलेट (aspirin tablet 300 mg) या क्लोपिडोग्रेल (Clopidogrel 300 mg) या फिर एटोरवास्टेटिन (Atorvastatin 80 mg) टेबलेट आराम से दबाए रखें. अगर इन चीजों को हार्ट अटैक आने के 30 मिनट के अंदर किया जाए तो इसका तुरंत फायदा मिलेगा. एस्पिरिन ब्लड क्लॉट होने से रोकता है |

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