सिर पर कलश धारण करने से श्रद्वालु की आत्मा पवित्र होती है
मदन गौर की कलम से✍🏻 हरदा। जिले के समीपी ग्राम बालागांव बालेश्वर धाम की धरा पर आज से नौ दिवसीय शिवमहापुराण का हुआ शुभारंभ आयोजन आयोजक राजू नर्मदा प्रसाद गोस्वामी परिवार द्वारा संगीतमय श्रीमद् भागवत शिवमहापुराण के प्रथम दिवस कलश यात्रा निकाली गई। इस दौरान सैकड़ों महिलाएं सिर पर कलश लिए चल रहीं थीं। कलशयात्रा का गांव की गलियों फूलों से जगह जगह स्वागत सत्कार किया डीजे की धुन पर श्रद्धालु जमकर थिरके कथाचार्य पंडित राजेश जी महाराज ने कहा कि भागवत कथा कराने वाले जिजमान परिवार का जन्म-जन्मांतर के पाप नष्ट हो जाते हैं। जो भी भक्त भागवत कथा का श्रवण करता है उसकी समस्त मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। उन्होंने का कहा सिर पर कलश रखने वाले श्रद्धालुओं की आत्मा पवित्र व निर्मल होती है।
ऐसे भक्तों पर भगवान की विशेष कृपा होती है। कलश यात्रा में तीनों देव ब्रम्हा, विष्णु व महेश के साथ-साथ 33 कोटि देवी देवता स्वयं कलश में विराजमान होते हैं। वहीं कलश को धारण करने वाले जहां से भी ग्राम का भ्रमण करता है वहीं की धरा स्वयं सिद्व होती जाती है। जो अपने सिर पर कलश धारण करता है उसकी आत्मा को ईश्वर पवित्र और निर्मल करते हुए अपनी शरण में ले लेते हैं। जिनके तमाम रोग दोष विकारों का भगवान हरण कर देते है। इस दौरान बड़ी संख्या में ग्रामीणजन श्रद्धालु मौजूद थे।