जश्न-ए-संविधान उत्सव के माध्यम से युवाओं एवं स्कूलों के छात्र-छात्राओं किया संविधान के प्रति जागरूक।
हरदा। सिनर्जी संस्थान द्वारा संचालित युवालय कार्यक्रम अंतर्गत “हर दिल में संविधान” अभियान के तहत खेड़ा हाई सेकेंडरी स्कूल के 80 छात्र-छात्राओं के साथ संविधान की प्रस्तावना का वाचन किया गया तथा संवैधानिक मूल्यों और मौलिक अधिकार एवं मौलिक कर्तव्य पर चर्चा की |
जिसका उद्देश्य युवाओं की संवैधानिक मूल्यों के प्रति जागरूकता बड़े और 75वें गणतंत्र दिवस को एक साथ मनाने का हमारा अभियान है।
यह हमें और समुदाय के लोगों को याद दिलाने का सरल प्रयास है कि भारत का संविधान और इसके मूल्य हम सभी के लिए एक समान रूप से उपलब्ध है, हमे इसे जीना है और साथ ही इसका अनुभव भी करना है।
युवालय युवा संसाधन केन्द्र से क्षेत्र समन्वयक शेख नासिर ने संविधान की प्रस्तावना पर जानकारी देते हुए युवाओं से कहा कि हमारे संविधान की उद्देशिका में पहली बात यह स्पष्ट है कि संविधान की सभी शक्तियों का श्रोत “हम भारत के लोग” ही हैं और प्रस्तावना इस बात की घोषणा करती है कि भारत एक समाजवादी और धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक गणराज्य राष्ट्र है और भले ही राजनीतिक शक्ति या बदलती रहे और संविधान के ही अनुच्छेद 368 के तहत विधायिका समय की मांग के अनुसार संविधान में संशोधन करती रहे मगर संविधान के मूल तत्वों या उसकी आत्मा के साथ कोई भी छेड़छाड़ नहीं कर सकता | इसके साथ ही हमारा संविधान सभी नागरिकों के लिए न्याय, स्वतंत्रता, सामानता को सुरक्षित करता है तथा राष्ट्र की एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए भाईचारे को बढ़ावा देता है |
साथ ही उन्होंने बताया कि पूरे विश्व में किसी भी देश को सही तरीके से चलने के लिए संविधान की जरूरत पड़ती है | संविधान केवल एक लिखी हुई किताब मात्रा नहीं है बल्कि देश के हर नागरिक के लिए एक नियमावली है और देश को सुचारू रूप से चलाने वाली नीति है | जिसका पालन कर आप एक सफल और सहज जीवन यापन कर सकते हैं
कार्यक्रम में स्कूल के अध्यापकगण उपस्थित रहें जिसमें युवालय द्वारा स्कूल को संविधान की उद्देशिका व करियर मार्गदर्शिका पुस्तक देकर धन्यवाद ज्ञापन किया ।