ब्रेकिंग
6 दिनों से समर्थन मूल्य मूंग खरीदी केंद्रों में वारदान नहीं समय सीमा बढ़ाई जाएं , सभी किसानो का मूंग... हरदा विधायक डॉक्टर दोगने ने मगरधा-रतनपुर माचक नदी पुल सहित अधूरी सड़क , समर्थन मूल्य पर मूंग खरीदी स... हरदा: शिक्षा विभाग की लापरवाही सरकारी स्कूल की छत गिरी, बड़ा हादसा टला देखे वीडियो! हरदा: जनसुनवाई पहुंचा प्रेम विवाह करने वाला प्रेमी जोड़ा, सुरक्षा की गुहार लगाई। युवती बोली जीजा दे ... हिमाचल में बादल फटा, 3 की मौत: दिल्ली में भारी बारिश, लबालब पानी से भरीं सड़कें देवघर में भीषण सड़क हादसा, 18 कांवड़ियों की दर्दनाक मौत भारत बना एशिया का प्राइवेट जेट हब: हर महीने 2,400 से अधिक उड़ानें 22 अप्रैल से 17 जून तक ट्रम्प और प्रधानमंत्री मोदी के बीच बातचीत नहीं हुई - विदेश मंत्री एस जयशंकर अमरनाथ यात्रा में अब तक 3.77 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं को बाबा बर्फानी के दर्शन किये 1 अगस्त से लागू होंगे यूपीआई के नए नियम

युवक ने तीन लड़कियों से एक साथ रचाई शादी, 15 सालों से रह रहे थे लिव इन में, तीनों दूल्हन के हैं 6 बच्चे

नके कुल छह बच्चे भी इस अनूठे विवाह समारोह में पूरे उत्साह से शामिल हुए

मकड़ाई समाचार इंदौर। मध्यप्रदेश के अलीराजपुर जिले में आदिवासी समुदाय के एक पूर्व सरपंच ने अपनी तीन प्रेमिकाओं से जनजातीय परंपराओं के मुताबिक एक साथ ब्याह रचाया है। दूल्हे और स्थानीय लोगों ने यह जानकारी दी। खास बात यह है कि तीनों महिलाएं इस पुरुष के साथ करीब 15 साल से रह रही हैं और उनके कुल छह बच्चे भी इस अनूठे विवाह समारोह में पूरे उत्साह से शामिल हुए। सोशल मीडिया पर इस विवाह की निमंत्रण पत्रिका और तस्वीरें वायरल होने के बाद यह शादी चर्चा का विषय बन गई है।

- Install Android App -

इंदौर से करीब 200 किलोमीटर दूर नानपुर गांव के पूर्व सरपंच समरथ मौर्य ने फोन पर ‘‘पीटीआई-भाषा’’ से बातचीत में अपनी तीनों प्रेमिकाओं से एक साथ शादी की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि पहली प्रेमिका से उनकी मंगनी वर्ष 2003 में हुई थी और पिछले 15 साल से उनकी दो अन्य प्रेमिकाएं भी उनके साथ ही रह रही हैं।

आदिवासी बहुल अलीराजपुर जिले के मोरी फलिया गांव में संपन्न शादी में शामिल मेहमानों को विदा करने में व्यस्त मौर्य हालांकि ज्यादा बातचीत नहीं कर सके। लेकिन विवाह समारोह में शामिल स्थानीय लोगों ने बताया कि शादी की रस्में जनजातीय परम्पराओं के मुताबिक तीन दिन तक चलीं और मौर्य ने एक मंडप के नीचे अपनी तीनों प्रेमिकाओं से एक साथ फेरे लिए।

चश्मदीदों ने बताया कि शादी में शामिल मेहमानों ने ढोल और मांदल (आदिवासियों का पारम्परिक बाजा) की थाप पर जनजातीय शैली का नृत्य कर जोरदार जश्न मनाया। स्थानीय लोगों के मुताबिक आदिवासियों के मांगलिक कार्यों में एक दम्पति के रूप में शामिल होने की सामाजिक मान्यता हासिल करने के लिए इस समुदाय के हर जोड़े के लिए जरूरी है कि पहले वे जनजातीय रीति-रिवाजों के अनुसार विवाह रचाएं।