कराेड़ाें की साैगात देने केंद्रीय मंत्री गडकरी ग्वालियर पहुंचे, मैदान हुआ पानी-पानी, अफसर मिट्टी डालकर सुखाने में जुटे
मकड़ाई समाचार ग्वालियर। शहर काे 1128 कराेड़ की साैगात देने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी आज ग्वालियर पहुंचे। इस दाैरान केंद्रीय मंत्री ज्याेतिरादित्य सिंधिया भी माैजूद थे। भाजपा नेताओं ने केंद्रीय मंत्रियाें का स्वागत किया। केंद्रीय मंत्री गडकरी शहर में एलिवेटेड राेड सहित लगभग 1128 करोड़ रुपये की लागत की 222 किलोमीटर लंबी सात सड़क परियोजनाओं का शिलान्यास एवं लोकार्पण करेंगे। साथ ही ग्वालियर में बनने जा रहे अंतर्राज्यीय बस टर्मिनल की आधार शिला भी रखी जाना है। कार्यक्रम का आयाेजन गोले का मंदिर मुरैना लिंक रोड़ पर ट्रिपल आइटीएम के सामने स्थित केंद्रीय दिव्यांगजन खेल परिसर में हाेना है, लेकिन वर्षा ने आयाेजन पर पानी फेर दिया है। हालत ये है कि मैदान में बरसात के कारण कीचड़ हाे गई है। इस दाैरान आयाेजन स्थल के एक गेट पर ट्रक फंस गया, जिसे काफी मशक्कत के बाद जेसीबी की सहायता से निकाला जा सका। हालांकि कीचड़ एवं पानी भरा हाेने के कारण आयाेजन स्थल तक पहुंचना मुश्किल हाे रहा था।
एलिवेटेड और आइएसबीटी:शहर को मिलेगी गतिः सीआरआइएफ (केंद्रीय सड़क अधोसंरचना निधि) योजना के तहत लगभग 447 करोड़ रुपये की लागत से ग्वालियर शहर में स्वर्ण रेखा नदी पर ट्रिपल आइटीएम कालेज के समीप से महारानी लक्ष्मीबाई प्रतिमा तक बनने जा रहा फोरलेन एलिवेटेड सड़क मार्ग शामिल है। साथ ही स्मार्ट सिटी द्वारा हजीरा थाने के समीप लगभग 25 एकड़ रकवे में 64 करोड़ 22 लाख रुपये की लागत से बनाए जाने वाले आइएसबीटी (अंतर्राज्यीय बस टर्मिनल) का शिलान्यास भी होगा।
फैक्ट फाइलः
-एलिवेटेड प्रथम चरण की कुल लंबाई- 6 ,50 मीटर
-एलिवेटेड की लागत: 406 करोड़ 35 लाख
यह रहेंगें लूपः
स्थल का नाम एंट्री लूप एग्जिट लूप
1-ट्रिपल आइटीएम 60 मीटर 90 मीटर
2-रानीपुरा 310 मीटर 355 मीटर
3-हजीरा फोर्ट साइड 295 मीटर 250 मीटर
4-हजीरा चौराहा साइड 225 मीटर 420 मीटर
5-रमटापुरा 230 मीटर 285 मीटर
6-चंद्रनगर 340 मीटर
7-महारानी लक्ष्मीबाई प्रतिमा 225 मीटर 225 मीटर
30 हजार लोगों के जुटने का दावा,पानी के कारण थ्रीडी मशीनें लगाईंः मौके पर तीस हजार लोगों के जुटने का दावा है। पानी बरसने के कारण कार्यक्रम स्थल पर परेशानी हो सकती है, डोम टेंट लगवाया गया है, जिसमें वर्षा प्रभावित नहीं करेगी, लेकिन पहुंच मार्ग व सतह पर पानी कीचड़ से मुश्किल बढ़ सकती है। इसी कारण थ्रीडी मशीनें लगाईं गई हैं और अस्थाई सड़कें बनाई जा रही हैं।