ब्रेकिंग
हरदा: वरिष्ठ पत्रकार स्वर्गीय धर्मेंद्र चौबे को भास्कर परिवार और स्थानीय पत्रकारों के द्वारा नगर पाल... कृषि अधिकारियों ने किया खाद बीज की दुकानों का निरीक्षण  Ladli bahna yojna: मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने लाडली बहनों के खाते में राशि अंतरित की मध्यप्रदेश के एक मंत्री के ड्राईवर की दबंगई ससुराल मे की पत्नि की पिटाई ,हुआ मामला दर्ज !  पूर्व सरपंच के भ्रष्टाचार में साथ न देने वाले वर्तमान आदिवासी सरपंच के हटाने की तैयारी में जुटा प्रश... आपसी रंजिश के चलते बेटी का फोटो एडिट कर उसके पिता को भेजा: पुलिस ने आरोपी को किया गिरफ्तार हरदा: शराब के लिए बदमाश ने रास्ता रोककर की मारपीट, चाकू से किया हमला, घायल युवक का भोपाल में चल रहा ... हिन्दू लड़कियो को लव जिहाद में फँसाकर देह व्यापार कराने के लिए लाखो की फंडिंग, कांग्रेस पार्षद पर लगे... ई सुविधा केंद्र से न्यायालय संबंधित सभी जानकारीया प्राप्त होगी: न्यायाधीश  लखनऊ में विमान की लैंडिंग के दौरान पहिए से निकला धुना और चिंगारी! सऊदी अरब से आए विमान 250 हज यात्री...

कार व ट्रक की टक्कर में चार की मौत, मृतक चचेरे व ममेरे भाई, एक था दोस्त

रावतसर (हनुमानगढ़)। मेगा हाइवे हनुमानगढ़ रोड पर रविवार सुबह सूर्योदय से पूर्व सड़क हादसे में चार युवाओं की जिंदगी का सूरज डूब गया। तीन भाइयों समेत चार जने काल का ग्रास बन गए। चार में से तीन मृतक कस्बे के ही निवासी थे। चारों की ही उम्र 20 साल से कम थी। शोक स्वरूप सिनेमा हाल के आसपास का बाजार बंद रहा। इस संबंध में राकेश ने आरोपी ट्रक चालक के खिलाफ तेज व लापरवाही से वाहन चलाकर दुर्घटना कारित करने का मामला दर्ज करवाया।

- Install Android App -

कस्बे के वार्ड 21 निवासी ओमप्रकाश नाई के पौत्र हेमन्त (17)व उसका चचेरा भाई नीरज, उसके मामा का पुत्र रजत कुमार (18)तथा पड़ोसी रूद्राक्ष (18) रविवार सुबह कार लेकर हनुमानगढ़ रोड पर घूमने के लिए निकले थे। चारों हनुमानगढ़ की तरफ जाकर वापस लौट रहे थे तो भादू पेट्रोल पंप के पास सामने से आ रहे ट्रक ने टक्कर मार दी। इससे कार सवार चारों युवक गंभीर रूप से घायल हो गए। पुलिस ने आसपास के लोगों की मदद से स्थानीय राजकीय चिकित्सालय पहुंचाया। वहां चिकित्सकों ने चारों को मृत घोषित कर दिया।

मृतक हेमन्त, नीरज व रूद्राक्ष कक्षा 12वीं में अध्ययनरत थे। तीनों अच्छे मित्र थे। कक्षा एक से 12वीं तक साथ ही पढ़े थे। तीनों साथ ही रहते थे। अंतिम विदाई भी एक साथ ही ली। दोपहर को वार्ड पांच स्थित श्मशान भूमि में तीनों की चिताएं एक साथ जली। वहां हर किसी की आंखें नम हो गई।