सूचना के अधिकार के तहत जानकारी में हुआ खुलासा
मकड़ाई समाचार हरदा। सामाजिक कार्यकर्ता एवं आरटीआई एक्टिविस्ट रामभरोस पिता व कालू जी मुण्डल ने आरोप लगाते हुए। हरदा पुलिस अधीक्षक को एक शिकायती आवेदन दिया। जिसमे आरटीआई है। प्रमाणित जानकारी के आधार पर मुंडेल ने एक बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि मां नर्मदा बीज उत्पादक समिति आलनपुर अध्यक्ष विजयसिंह खेरवा के द्वारा राजस्व रिकार्ड के खसरा के गिरदावरी रिपोर्ट में सोयाबीन एव गेहू दर्ज है। समर्थन मूल्य पर सेवा सहकारी समिति मर्यादित तजपुरा में गेहू तुलाया गया है। उसी खसरे को बीज उत्पादक समिति माँ नर्मदा विज उत्पादक समिति आलनपुर के अध्यक्ष विजय सिंह वल्द देवीसिंह घेराव के द्वारा फसल से भिन्न भिन्न फसल मिलीभगत एवं फर्जी तरिके से कय – विक्रय का पंजीयन करवाया गया , एवं कूटरचना कर कागजों पर निन्न फसल कय – विक्रय दर्शाने एवं प्रदेश सरकार से अवैध रूप से गेहूं का बोनस प्राप्त पार लाम कमाकर सरकार के साथ धोखाधड़ी की गई। श्री मुंडेल ने एसपी से शिकायत कर जांच करवाकर कार्यवाही की मांग की है।
एक ओर सरकार किसानों बड़े बड़े वादे कर किसानों को लाभ पहुचाने की बात करती है। लेकिन दूसरी ओर सरकार के विभाग में बैठे रक्षक ही भक्षक बन बैठे है। जो फर्जीवाडा कर शासन के माल को हड़प रहे है। ऐसे अगर मामले जिले में निकाले जाये तो करोड़ो रूपये के फर्जीबाड़ा उजागर हो सकता है।
आरटीआई में हुआ इन नामों पर फर्जीबाड़ा
मां नर्मदा बीज उत्पादक समिति आलनपुर के द्वारा किसानों को बीज देकर बुआई करवाई जाती है। एवं उससे प्राप्त होने वाली उपज को उनके द्वारा क्रय किया जाता है एवं इस कय की गई। उपज पर शासन के उपरांचालक कृषि विभाग के माध्यम से उत्पादन एवं वितरण अनुदान प्राप्त किया जाता है। चने पर 1000 रू क्विंटल उत्पादन अनुदान एवं 1200 रू . वितरण अनुदान समिति को प्राप्त होता है। समिति के अध्यक्ष विजयसिंह आ . देवीसिंह खेरवा ग्राम आलमपुर के द्वारा इसकी आड़ में फर्जी किसानों के पंजीयन किये जाते है। एवं उनके नाम से फसल विक्रय का पंजीयन होता है एवं उनसे फसल कय करना बताकर अनुदान लेते हैं। एवं मंडी से कम भाव में उपज खरीदकर उराको बीज बनाकर पुनः किसानों को दुगने दाम में विक्रय करते है।
01. दीपचंद हेमराज ग्राम तजपुरा के द्वारा समर्थन मूल्य पर रोवा सहकारी समिति तजपुरा में 606 क्विंटल 50 किलो गेहूं विक्रय किया गया है । इस किसान के खसरा में गिरदावरी में गेहूं कि फसल बोला वर्णित है, एवं इसी किसान नाम से मां नर्मदा बीज उत्पादक समिति अध्यक्ष ने चने का पंजीयन किया एवं चने का उत्पादन भी बताया गया , एवं 1000 रु . प्रति क्विंटल हिसाब से उत्पादन अनुदान एवं बीज समिति ने 1200 रू . प्रति क्विंटल का वितरण अनुदान संबंधित किसान को देना बताया गया है , यह अनुदान शासन से प्राप्त होता है।
02. किसान का नाम – हेमराज आ जेताजी जाट खरारा नंबर व 111/1 , 112 योग रकवा 22.36 एकड , वर्ष 2010 के खसरा दर्ज फसल सोयाबीन व गेहूं। इसी खसरा पर इसी वर्ष मां नर्मदा बीज उत्पादक समिति अध्यक्ष विजयसिह खेरवा ने चना का पंजीयन किया , एवं घने का उत्पादन होना बताया , जबकि इसी किसान ने सेवा सहकारी समिति तजपुरा में समर्थन मूल्य पर करीब 110 क्विंटल 50 किलो गेहूं भी विकय किया है।
03. रामशंकर नीमरान जी प्रत्यारपुरा पा किसाथ जिसकी भूमि का खसरा नंबर 6 , 89 स्क्या T – 2 हेक्टेयर लसरा पंथर 14/1 , 42 , 14 , 19 का 1,248 हेयर ने पर उत्पादन कार सेवा सहकारी समिति तजपुरा को समर्थन मूल्य पर क्रय विक्रय किया एवं इसी किसान के नाम से माँ नर्मदा बीज उत्पादक समिति को अध्यक्ष विजयसिह ने चने का उत्पादन बताकर खरीदना बताकर शासन से उत्पादन व वितरण अनुदान प्राप्त कर शासन का साथ भी धोखाधडी की है। उपरोक्त वर्णित किसान के खसरा विरदारी के अनुसार उसने चना बोया ही नही है फिर चने के विक्रय का पंजीयन मां नर्मदा बीज उत्पादक समिति में कैसे हुआ ? एवं इसी मां नर्मदा बीज उत्पादक समिति से पूरा किसान से चना कहां से खरीदा ? यह सारे मुददे जांच का विषय है।