हरदा ,कृषि विभाग की डायग्नोस्टिक टीम एवं प्रसार कार्यकर्ताओं द्वारा सोमवार को खिरकिया विकासखण्ड के ग्राम छुरीखाल, सांरगपुर, बांरगी, कुकड़ापानी, सारसूद, अतरालिया, पड़वा, आमासेल, बम्हनगांव, चारूवा, लफागढ़ाना, छीपावड़, धनवाड़ा, जटपुरा, मरदानपुर, चिकलपाट, पाहनपाट, सांगवामाल, देवपुर, मुहालकलां, पहटकलां, पाटली, मोरगढ़ी, रूनझुन, सोनपुरा एवं बावड़िया, हरदा विकासखण्ड के ग्राम बुन्दड़ा, नांदरा, आदमपुर, गोला, नहालखेड़ा, भुवनखेड़ी, बालागांव, भादूगांव, रहटाखुर्द, रातातलाई, अजनास रैयत, बैरागढ़, बैड़ी, रेलवा, देवास, पिड़गांव, झाड़पा एवं पचोला एवं टिमरनी विकासखण्ड के ग्राम भायली, बहराखेड़ी, सोडलपुर, आलमपुर, गोदागांवखुर्द, तजपुरा, पोखरनी, नौसर एवं रहटगांव का भ्रमण कर, कृषको के साथ उनके खेत का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान तम्बाकू की इल्ली, सेमीलूपर एवं कहीं-कहीं चने की इल्ली भी दिखाई दी, इनके नियंत्रण के लिए, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान, इंदौर द्वारा जारी एडवायजरी अनुसार लेम्डासायहेलोथ्रीन 4.90 सी.एस. 300 मिली/हेक्टयर या फ्लूबेडियामाइड 39.35 एस.सी. (150 मि.ली.) या फ्लूबेडियामाइड 20 डब्ल्यू.जी. (250-300 ग्रा./हे.) या स्पायनेटोरेम 11.7 एस.सी. (450 मिली/हेक्टयर) या क्लोरएन्ट्रानिलिप्रोल 09.30 + लैम्ब्डा सायहेलोथ्रिन 09.50 प्रतिशत जेड.सी. या थायोमिथोक्सम 12.60 प्रतिशत + लैम्ब्डा सायहेलोथ्रीन 09.50 प्रतिशत जेड.सी. (125 मिली/हेक्टयर) या वीटाासयफ्लुथ्रीन + इमिडाक्लोप्रिड (350 मि.ली./हेक्टयर), 500 लीटर पानी में घोल बनाकर, छिड़काव करने की सलाह दी गई। कृषि विभाग के प्रसार कार्यकर्ता एवं कृषि वैज्ञानिकों की डायग्नोस्टिक टीम द्वारा यह भ्रमण अनवरत जारी रहेगा तथा कृषको के खेतो का निरीक्षण कर, उचित सलाह दी जायेगी।
ब्रेकिंग