Lucknow al-Qaeda terrorists : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पकड़ाए अलकायदा के आतंकियों से पूछताछ जारी है। अब तक जो जानकारी सामने आई है, वो चौंकाने वाली है। पता चला है कि इन आतंकियों के निशाने पर अयोध्या, मथुरा के मंदिर थे। इन्होंने मई के महीने में भीड़ भले इलाकों में धमाके करने की साजिश रची थी, लेकिन कोरोना ने पानी फेर दिया। दरअसल, कोरोना के कारण लॉकडाउन लगाना पड़ा और बाजारों में भीड़ नहीं जुट पाई। यही कारण है कि आतंकियों को ब्लास्ट की प्लानिंग रोकना पड़ी और आगे कुछ कर पाते, इससे पहले धरा गए। पकड़े गए तीन आतंकियों, वसीम, मिनहाज और मसीरुद्दीन के पास से नक्शे भी मिले हैं।
मई में फेल, अब अगस्त में करने वाले थे बम विस्फोट
इससे पहले 11 जून, रविवार को उस समय पूरे देश में हड़कंप मच गया था, जब यूपी एटीएस ने लखनऊ के काकोरी इलाके में छापा मारा। खबर आई कि यहां से लश्कर के दो आतंकियों को पकड़ा गया है। इनकी तीसरा साथी काकोरी के मुस्लिम बहुल इलाके के एक घर में छिपा था। आतंकियों के पास से आपत्तिजनक सामग्री के सात ही विस्फोटक भी मिले। इनकी साजिश कुकर बम से धमाके करने की थी। सभी आतंकी यूपी के हैं, लेकिन इनके तार पाकिस्तान से जुड़े हैं। इनका हैंडलर पाकिस्तान का बताया जा रहा है। एक आतंकी जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे चुके हैं। अब एटीएस इन दहशतगर्दों से पूछताछ कर रही है। पता चला है कि मई में धमाके करने में नाकाम रहने के बाद अब इनकी नजर अगस्त महीन पर थी।
पूरे मामले पर हो रही राजनीति
पूरे प्रकरण पर राजनीति भी तेज हो गई है। मायावती और अखिलेश यादव ने सवाल उठाए हैं। इनका कहना है कि चुनाव से पहले ही ऐसी साजिशों का खुलासा क्यों होता है? वहीं भाजपा ने कहा है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर राजनीति नहीं होना चाहिए।