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गेटमैन की सतर्कता से टल सकता था हादसा,बच सकती थी मासूमों की जान

अमृतसर(जशन): पंजाब के अमृतसर में जौड़ा व शिवाला रेलवे फाटक के बीच शुक्रवार को घटित हुए दुखद रेल हादसे के चलते स्टेशन पर कार्यरत जी.आर.पी. बल ने मामले को ठंडा रखने के लिए अज्ञात लोगों पर ही मामला दर्ज करके फिर से अफवाहों के बाजार को गर्म कर दिया है। जानकारी के अनुसार जी.आर.पी. ने एफ.आई.आर. नंबर 0169 दर्ज की है जिसमें उसने अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया है। इस मामले में आरोपियों पर 304, 304-ए, 337, 338 के तहत धाराएं लगाई गई हैं।

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जी.आर.पी. के अधिकारी सब-इंस्पैक्टर बलबीर सिंह ने यह मामला दर्ज किया है। यह सारा मामला गोल्डन एवेन्यू चौकी इंचार्ज ए.एस.आई. सतनाम सिंह के बयानों पर दर्ज किया गया है। इसमें घटना का समय शाम के 6.55 बजे दर्शाया गया है, जिसमें उसने कहा है कि उसी समय जालंधर से एक डी.एम.यू. ट्रेन नंबर 74643 काफी तेज रफ्तार से आई और लोगों को रौंदती हुई चली गई। खास बात यह है कि इस एफ.आई.आर. में कितनी मौतें हुई हैं और कितने जख्मी हुए हैं, उनकी संख्या का वर्णन ही नहीं किया गया। हालांकि इसमें कहा गया है कि आगे जांच के दौरान अगर अन्य तथ्य सामने आएंगे तो फिर उसके मुताबिक ही मामले में धाराएं बढ़ाई जा सकती हैं। वहीं कुछेक रेल जानकारों व विशेषज्ञों का मानना है कि अगर जौड़ा रेलवे फाटक वाला गेटमैन अपनी थोड़ी सतर्कता दिखाता तो शायद यह हादसा टल सकता था।

वहीं गेटमैन अगर रेलगाड़ी आने से पहले व फाटक बंद करने से पहले अपने उच्च-अधिकारियों को रेल ट्रैक पर भारी भीड़ होने प्रति सूचना दे देता, तो फिर रेल अधिकारी उसी वक्त ट्रेन ड्राइवर तक यह सूचना पहुंचा सकते थे। ड्राइवर रेलगाड़ी कहीं पीछे ही कुछ समय के लिए ठहरा सकता था। हालांकि हादसे के वक्त ट्रेन ड्राइवर ने घटनास्थल पर गाड़ी ले जाते समय काफी हॉर्न भी बजाया, परंतु पास ही रावण दहन के दौरान होने वाली आतिशबाजी व पटाखों की आवाका के कारण लोगों को ट्रेन के बिल्कुल पास आने पर ही पता चला, परंतु उस वक्त काफी देर हो चुकी थी और ट्रेन कइयों को अपने साथ ही आधा किलोमीटर तक रौंदती हुई पटरी पर दौड़ती रही।