आग की चपेट में आए बालक की उपचार के दौरान मौत हो गई
मकड़ाई समाचार धार। धार से 20 किलोमीटर दूर तिरला विकासखंड के ग्राम कोठड़ा में शनिवार सुबह 10 बजे गैस की टंकी में आग लगने का मामला सामने आया है। दो साल का एक मासूम बालक आग की चपेट में आ गया। जैसे ही ग्रामीणों को आग लगने की सूचना मिली, गांव में हड़कंप मच गया। तुरंत ही ग्रामीणों द्वारा आग बुझाने का प्रयास किया गया। वहीं फायर ब्रिगेड को भी सूचना दी गई। आग लगने के करीब पौन घंटे बाद पहुंची फायर ब्रिगेड ने आग पर काबू पाया। इधर आग की चपेट में आए बालक को तुरंत जिला अस्पताल लाया गया जहां प्राथमिक उपचार कर इंदौर के लिए रेफर कर दिया गया जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई।
ग्राम कोठड़ा में शनिवार सुबह 10 बजे शोभाराम के मकान में अचानक आग लग गई। बताया जा रहा है जिस कमरे में आग लगी उसके आगे वाले कमरे में शोभाराम किराने की दुकान का संचालन करता है। शनिवार सुबह पत्नी खेत पर काम करने गई थी। पत्नी के घर पर उपस्थित नहीं होने के कारण शोभाराम खाना बना रहा था। उसी समय दुकान पर ग्राहक आने की वजह से शोभाराम ग्राहक को सामान देने दुकान में चला गया जिस कमरे में खाना बन रहा था उसी कमरे में दो साल का बालक अरविंद भी खेल रहा था। अचानक से पिता शोभाराम ने दुकान में धुआं देखा और दौड़ लगाई तो देखा कि बालक अरविंद आग में झुलस रहा है। तुरंत ही पिता ने बालक को आग की लपटों से हटाया और आग बुझाई। इसमें पिता के हाथ भी जले हैं। पिता-पुत्र को लेकर मकान के बाहर आया और चंद मिनट बाद ही जोरदार ब्लास्ट हो गया।
आग की सूचना पर मां दौड़ी…बेटे को देख आंसू टपके
घर से 500 मीटर की दूरी पर मां खेत में काम कर रही थी। जब ग्रामीणों द्वारा सूचना मिली कि मकान में आग लग गई है तो मां दौड़ते हुए घर पहुंची और देखा तो बेटा अरविंद झुलसा हुआ था। जैसे ही बेटे को देखा तो मां का रो-रो कर बुरा हाल हो गया। ग्रामीणों ने मां को समझाइश दी और मां स्वजन के साथ बाइक से बालक को जिला अस्पताल लेकर आई। यहां डॉक्टरों की टीम द्वारा बालक का प्राथमिक उपचार किया गया। जिला अस्पताल के डॉक्टर सृष्टि बोरासी ने बताया कि बालक के दोनों पैर, दोनों हाथ, सिर के साथ 70 प्रतिशत झुलस गया है। बालक की हालत गंभीर होने से उसे इंदौर रेफर कर दिया है जहां उसकी मौत हो गई।
मकान में आग लगने के बाद शोभाराम के स्वजन ने सरपंच महेंद्र सिंह ठाकुर को सूचना दी। ठाकुर द्वारा तुरंत ही नालछा थाने और फायर ब्रिगेड को सूचना दी गई। घटना के पौन घंटे बाद फायर ब्रिगेड वहां पहुंची। इसके पूर्व ग्रामीणों द्वारा नलकूप की मोटर चालू कर आग बुझाने का प्रयास किया गया। डेढ़ घंटे की मशक्कत के बाद फायर ब्रिगेड द्वारा आग पर काबू पाया गया। पिता शोभाराम ने बताया कि घर में 14 क्विंटल गेहूं, 55 हजार नकद, दुकान में रखा करीब डेढ़ लाख रुपये का सामान सब जल गया।
जिला अस्पताल में नहीं है बर्न यूनिट
300 बेड के जिला अस्पताल में बच्चों के लिए वार्ड बने हुए हैं परंतु आज तक बच्चों के लिए अलग से बर्न यूनिट तैयार नहीं की गई है। ऐसे में आग से प्रभावित बच्चों केउपचार में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। वहीं जब बच्चा ज्यादा गंभीर हो जाता है तो उसे इंदौर रेफर करने की स्थिति बन जाती है।
खास-खास
-गैस चूल्हे पर पिता बने रहे थे खाना
-बेटा अरविंद भी उसी कमरे में खेल रहा था
-ग्राहक आने पर पिता चले गए सामान देने
-पौन घंटे लेट आई फायर ब्रिगेड
-ग्रामीणों ने की आग बुझाने की कोशिश