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चंबल खतरे के निशान से 9.7 मीटर ऊपर बह रही, निचली बस्तियों में फंसे लाेगाें काे सुरक्षित बाहर निकाला

मकड़ाई समाचार भिंड। चंबल नदी खतरे के निशान 119.80 मीटर से 9.77 मीटर अधिक बह रही है। शुक्रवार सुबह 8 बजे 129.77 मीटर पर चंबल बह रही थी। अटेर पुलिस ने सुबह अटेर की निचली बस्तियों सहित नावली वृंदावन, मुकुटपुरा, चौम्हाें गांव से लोगों को रेस्क्यू कर निकालना शुरू किया। इसी तरह बरही गांव के पास भी चंबल का पानी पहुंच गया है। उदी घाट पर नदी पुल से महज 0.23 मीटर नीचे बह रही है। अधिक पानी बढ़ने पर ट्रैफिक भी बंद कराया जा सकता है। इधर पहुज नदी का जलस्तर बढ़ने से हिलगवां सहित अन्य गांवों का रास्ता हुआ बंद। ग्रामीणों के मुताबिक मगरमच्छ पानी में बहकर गांव के नजदीक आ गए हैं। हालांकि मुरैना से राहत की खबर है, यहां चंबल का जलस्तर घटना शुरू हाे गया है। आज सुबह यहां राजघाट पर 145 मीटर पर आ गया है। ऐसे में जल्द ही भिंड काे भी राहत मिलने की संभावना बढ़ गई है।

जिले में चंबल नदी का रौद्र रूप गुरुवार को दिखाई। गुरुवार शाम 7 बजे चंबल ने 2019 का रिकार्ड 128.52 तोड़ते हुए 128.62 मीटर पर पहुंच गई। जो खतरे के निशान 119.80 मीटर से 8.82 अधिक है। पानी अटेर जनपद कार्यालय के नीचे पहुंच गया है। खटीक मोहल्ला पानी से घिरने से लोगों रस्सी के सहारे निकले। सुबह 11 बजे मप्र शासन के सहकारिता मंत्री डा. अरविंद सिंह भदौरिया प्रशासन के अधिकारियों के साथ बोट से नावली वृंदावन, चौम्हों गांव पहुंचे। मंत्री श्री भदौरिया ने ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर जाने और प्रशासन की गाइडलाइन का पालन करने के साथ ही शासन स्तर पर हर संभव मदद दिलाने की बात कही। प्रभावित गांव में मंत्री ने सूखे राशन के पैकेट भी बांटे। साथ ही आधा दर्जन गांवों में शाम को प्रशासन ने 1500 से अधिक खाने पैकेट पहुंचाए हैं। साथ ही नावली वृंदावन, मुकुटपुरा, चौम्हों गांव से करीब 40 बीमार लोगों को रेस्क्यू किया गया है।

13 घंटे में 1.55 मीटर बढ़ा जलस्तरः चंबल नदी का उदी घाट पुल पर जलस्तर गुरुवार काे 127.07 मीटर था। 9 बजे 127.40 मीटर, दोपहर 1 बजे 127.90 मीटर, दोपहर 2 बजे 128.3 मीटर, शाम 5 बजे 128.37 मीटर और शाम 6 बजे 128.50 मीटर और शाम 7 बजे 128.62 है। यानी 13 घंटे में जलस्तर 1.55 मीटर बढ़ा रहा है। जबकि 2019 में चंबल का अधिकतम जलस्तर 128.52 मीटर रहा था। केंद्रीय जल आयोग उदी के प्रभारी अखिलेश यादव के मुताबिक चंबल का जलस्तर रात 10 बजे तक इसी स्पीड से बढ़ेगा। शाम 6 बजे पानी की स्पीड 11-12 मीटर प्रति घंटे थे। इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि चंबल का जलस्तर 129 के पार जा सकता है।

यह गांव घिरे हैं चंबल से, 4 गांव बने टापूः चंबल का जलस्तर बढ़ने से मुकुटपुरा, नावली वृंदावन, दिन्नापुरा, कछपुरा, खैराट, चिलोंगा, कोषण की मढ़ैया, नखनौली मढ़ैया, रमा कोट, ज्ञानपुरा, सराया, गढ़ा, खौना गांव के रास्ते कट गए हैं। जबकि मुकुटपुरा, नावली वृंदावन, कोषण की मढैयन, रमा कोट और चिलोंगा की निचली बस्ती में पानी पहुंच गया ,जिससे यह गांव टापू गए हैं।

बोट में बैठकर ग्रामीणों के बीच पहुंचे मंत्रीः चंबल में लगातार जलस्तर बढ़ने पर गुरुवार सुबह 11 बजे डा. अरविंद सिंह भदौरिया अटेर पहुंचे। यहां एसपी शैलेंद्रसिंह चौहान, अटेर जनपद अध्यक्ष कमला देवी शर्मा के पुत्र विकास शर्मा, टीआइ उदयभान सिंह यादव सहित अन्य लोग बोट से सूखा राशन लेकर सबसे पहले नावली वृंदावन गांव में पहुंचे। मंत्री ने कहा सभी सुरक्षित रहें। सरकार और प्रशासन आपकी मदद के लिए हमेशा तैयार रहेगा। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने बाढ़ आदि स्थिति निर्मित होने पर उससे निपटने सभी तैयारियां पूर्ण कर रखी हैं। ताकि जनता को किसी भी प्रकार की कठिनाइयां ना हो । यहां से मंत्री चौम्हों गांव भी पहुंचे।

रस्सी के सहारे निकल रहे ग्रामीणः पानी ने अटेर की निचली बस्तियों को भी चपेट में लेना शुरू कर दिया है। सुबह 8 बजे किला के पीछे स्थित खटीक मोहल्ला और वाल्मीकि मोहल्ला के जाने वाले रास्ते में पानी घुटनों के नीचे तक था, लेकिन 12 बजे तक कमर तक आया गया। लगातार बढ़ते पानी को देखते और हादसे को रोकने के लिए स्थानीय लोगों ने रस्सी बांध ली थी। जिससे सहारे वह नाले को पार कर रहे थे।

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कोषण की मढैयन में हैंडपंप सही कराया, चिलोंगा में परिवारों को ऊंचे स्थान पर शिफ्ट कियाः दोपहर में कलेक्टर-एसपी कोषण की मढैयन पहुंचे। यह गांव बाढ़ से पूरी तरह से घिर गया था। कलेक्टर रस्सी के सहारे गांव में पहुंचे। ग्रामीणों ने बताया कि खाने की परेशानी नहीं हैं, लेकिन हैंडपंप खराब होने से पीने के पानी की परेशानी है। कलेक्टर ने तुरंत पीएचई टीम को बुलाकर हैंडपंप सही कराया। चिलौंगा गांव की निचली बस्ती से एक दर्जन परिवारों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट कराया है। रमा कोट में खाना बनवाने की व्यवस्था कराई है। इसके अलावा मुकुटपुरा, नावली वृंदावन, खैराट, चौम्हों सहित अन्य गांवों में शाम को करीब 1500 खाने के तैयार पैकेट भिजवाए हैं।

सुबह 6 बजे बीमार लोगों का किया रेस्क्यूः टीआइ उदयभानसिंह यादव ने बताया कि नावली वृंदावन गांव से गुरुवार काे सुबह 5 बजे जवान ने फोन कर बताया कि 2 लोग बीमार हैं। सुबह 6 बजे अटेर सरपंच सरोज देवी के पति सहवीर सिंह एसडीआरएफ के साथ गांव पहुंचे। यहां से शरीर में प्लेटलेट कम होने पर रवि पुत्र जगदीश और बुखार से पीड़ित रामखिलाड़ी पुत्र अवधेश को रेस्क्यू कर अस्पताल भिजवाया। इसके अलावा नावली वृंदावन से गुड्डू यादव, राज, पूजा, अवधेश, डोली, रवि, अमित, दिनेश, मोनू, संध्या, तुलसा देवी, पूजा देवी, सुलेखा, भावना, मधु, आकाश,आशीष, अतुल, सीमा, लालू दिव्यांशी प्रतीक अटेर आए। इसी तरह चामुंडा मंदिर से मोनी बाबा, आशीष दुबे, स्नो दीक्षित, बृह्मदत्त शर्मा, वेदराम महंत, कुमकुम भदौरिया, प्रेमनारायण शर्मा, मुनेंद्र भदौरिया, शिशि भदौरिया और मुकुटपुरा से छोटेलाल का रेस्क्यू किया गया।

मछंड में लोहचरा मार्ग हुआ बंदः मछंड-ऊंचा मार्ग से लोहचरा जाने वाली सड़क पर पहुज नदी पर बने जबाहड पर पुल से पानी 6 से 7 फीट ऊपर बह रहा है। जिससे लोहचरा गांव वाला रास्ता पूरी तरह से बंद हो गया है। ऐसे में लहार एसडीएम आरए प्रजापति, रौन तहसीलदार रामनिवास धाकड़, मछंड चौकी प्रभारी ध्यानेंद्र सिंह, आरआइ बलराम दौहरे, लोहचरा पटवारी अशोक ने निरीक्षण किया। साथ ही एसडीएम ने पुलिस व राजस्व अधिकारियों को तैनात किया है।

वर्जन-

मुरैना में चंबल का जलस्तर कम होने लगा है। जिले में देर जल्द ही इसका असर दिखाई देगा और पानी भी कम होगा। आधा दर्जन गांव में सूखे राशन के साथ ही खाने के पैकेट भेजे हैं। हमारी टीम लगातार प्रभावित गांवों पर नजर रख रही है।

सतीश कुमार एस, कलेकक्टर भिंड