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चिली के शख्स में H5N1 का पहला केस, जानें इंसानों में क्यों खतरनाक है ये वायरस

Bird Flu in Human : चिली में 53 साल के एक शख्स में बर्ड फ्लू का पहला केस मिलने के बाद हड़कंप मच गया है। चिली के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक जांच में 53 साल के व्यक्ति में बर्ड फ्लू की पुष्टि हो चुकी है और फिलहाल मरीज की हालत स्थिर बताई जा रही है। गौरतलब है कि बीते साल चिली में जंगली जानवरों H5N1 बर्ड फ्लू वायरस के कुछ मामले सामने आए थे, लेकिन इंसानों बर्ड फ्लू संक्रमण का यह पहला मामला सामने आया है।

पहला केस मिलने पर इसलिए हड़कंप
चिली के स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक पक्षियों से इंसानों में यह संक्रमण फैल सकता है, लेकिन यदि यह संक्रमण इंसानों से इंसानों में फैलता है तो बेहद घातक हो सकता है। साल 2023 की शुरुआत में ही इक्वाडोर में 9 साल की एक बच्ची में बर्ड फ्लू के पहले ह्यूमन टू ह्यूमन ट्रांसमिशन के पहले मामले की पुष्टि हुई थी।

बहुत खतरनाक होता है H5N1 वायरस
WHO के मुताबिक बर्ड फ्लू एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है तो H5N1 वायरस संक्रमण बेहद घातक हो सकता है। H5N1 एक गंभीर और घातक बीमारी है। यदि वायरस मानव संक्रामक रोग निकला तो यह एक महामारी का कारण बन सकता है।

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H5N1 का पहला केस 1997 में मिला
बर्ड फ्लू वायरस के कई रूप में, लेकिन इनमें H5N1 वायरस काफी खतरनाक होता है। यह पहला ऐसा एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस है जो मनुष्यों को संक्रमित करता है। H5N1 वायरस से संक्रमण का पहला केस 1997 में हांगकांग में मिला था। H5N1 वायरस जंगली जलपक्षी में होता है और यह घरेलू पोल्ट्री में बहुत आसानी से फैल सकता है। ऐसे में संक्रमित पक्षी के मल, नाक के स्राव और मुंह या आंखों के स्राव के संपर्क में आने से यह रोग सीधे मनुष्यों में फैलता है।

H5N1 वायरस से संक्रमित व्यक्ति में लक्षण
H5N1 संक्रमण होने पर इंसानों में खांसी, दस्त, सांस लेने परेशानी, बुखार, सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, नाक बहना और गले में खराश जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं। ये लक्षण बढ़ने के साथ मरीज की स्थिति गंभीर भी हो सकती है।

H5N1 वायरस पर WHO की राय
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार 1997 में H5N1 वायरस से संक्रमित 60 फीसदी लोग मारे गए थे। ऐसे में यह माना जा सकता है कि इससे संक्रमित मरीजों में मृत्यु दर ज्यादा देखी जाती है। बर्ड फ्लू के विभिन्न रूपों की पहचान की गई है, लेकिन हाल के वर्षों में चिंता पैदा करने वाले चार सबसे महत्वपूर्ण स्ट्रेन H5N1, H7N9, H5N6 और H5N8 हैं।