मकड़ाई समाचार दिल्ली। भारत से हर क्षेत्र में चीन को मूंह की खानी पड़ी हे । वही भारत के रुस और अमेरिका से अच्छे संबंध होने से चीन को काफी तकलीफ होती हैं इसलिए वह भारत को अपनी ताकत का असर दिखाने के लिए थल मार्ग से अक्साई चीन पर अपने सैनिक जमाए हुुए रहता हैं।मीडिया में खबर आई थी कि अभी विगत दिनो ही चीनी और भारतीय सैनिको के बीच हाथापाई हो गई थी जिसमें भारतीय सैनिको ने चीनी सैनिको की जमकर पिटाई की थी।अब चीन जल मार्ग सेे भारत को घेरने की तैयारी कर रहा है। भारत के साथ जल युद्ध की साजिश रच रहा है। अब भारत ने भी इस मोर्चे पर करारा जबाब देने की तैयारी कर ली है।पूर्वोत्तर में चलाई जा रही सारी परियोजनाओ का काम जल्द पूरा किया जा रहा है।चीन अरुणाचल प्रदेश सीमा के पास ब्रहमपुत्र पर 60 हजार मेगावाट का डेम बना रहा है। भारतीय अधिकारियांे कोे ये चिंता है कि डेम केे जरिए ब्रहमपुत्र के पानी को मोेड़ सकता है या अधिक पानी छोड़़कर बाढ केे हालात पैदा कर सकता है अगर ऐसा करता हे तो भारत में बाढ के हालात बन जायेगे।इसका असर असम,अरुणाचल प्रदेश कई राज्यों में परेशानी आयेगी।
भारत भी जवाब देने को तैयार
भारत सरकार भी चीन की चाल को भांपते हुए उसे मात देने की तैयारी में जुट गई है। भारत नहीं चाहता कि वह किसी भी मोर्चे पर चीन से कमजोर साबित हो। भारत सरकार ने अरुणाचल प्रदेश के सुबानसिरी में चल रहे 11 हजार मेगावाट के हाईड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट को फास्टट्रैक पर डाल दिया है। पहले से स्थापित तीन प्रोजेक्ट के विस्तार का काम भी शुरू कर दिया है। वहीं 2000 मेगावाट वाला सुबंसीरी प्रोजेक्ट इस साल के मध्य में तैयार हो जाएगा। ये प्रोजेक्ट एक साल तक पानी स्टोर कर सकते हैं। चीन डैम के जरिए पानी छोड़ता है, तो उसे रोका जा जकता है।
भारत के लिए ब्रह्मपुत्र नदी काफी अहम
भारत के लिए ब्रह्मपुत्र नदी काफी अहम है। इस नदी का उद्गम तिब्बत के पुरंग जिले में मानसरोवर झील के निकट होता है। भारत में ब्रह्मपुत्र नदी 30 प्रतिशत ताजे पानी का स्रोत है, तो 40 प्रतिशत बिजली उत्पादन भी इसी से होता है। वहीं इस नदी का 50 फीसदी हिस्सा चीन में पड़ता है, जिस पर वह डैम बना रहा है||