ब्रेकिंग
क्षेत्रवासियों व कांग्रेस जनों द्वारा धूमधाम से मनाया हरदा विधायक डॉ. दोगने का जन्मोत्सव, मां नर्मदा... हंडिया: बस स्टैंड चौराहा अतिक्रमण की चपेट में अब तो जाम की बन रही स्थिति , तहसीलदार और ग्राम पंचायत ... मऊगंज: ASI की हत्या, तहसीलदार के हाथ पैर तोड़े, घटना पर सीएम सख्त हमलावरो पर कठोर कार्रवाई के दिए आ... मप्र :  आसमान में छाये बादल मौसम में आया बदलाव, एक दर्जन जिलों में हो सकती है बारिश ग्वालियर के कमलाराजा अस्पताल में आधी रात मे लगी आग : 150 से अधिक लोगो को बाहर निकाल कर बचाया एआर रहमान को सीने में दर्द के बाद अस्पताल में किया भर्ती,  वकीलो के चक्काजाम के दौरान आम लोगो की भी हुई फजीहत! वकीलों ने टी आईं और उनके ड्राईवर को पीटा। वकीलों... हरदा. नपा तत्कालीन सीएमओ सहित दो अन्य पर सिविल लाइन थाने में FIR दर्ज, नपा से ठेकेदार की निर्माण कार... Aaj ka rashifal: आज दिनांक 15 मार्च 2025 का राशिफल, जानिए आज क्या कहते है आपके भाग्य के सितारे BHRC ग्रुप हरदा: तीन चार साल से घुटनों के दर्द से परेशान बुजुर्ग शारदा बाई का आयुष्मान योजना के तहत ...

छह महीने से फरार कथित शिकारी, फिर जंगल में हुआ सक्रिय

मकड़ाई समाचार इंदौर। नयापुरा तेंदुआ गोलीकांड में जंगली सुअर के शिकारियों को मुख्य आरोपित बनाया है, जिसमें एक शिकारी मोहन डाबी छह महीने से फरार है। मगर स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स (एसटीएसएफ) उसे पकड़ने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है। अधिकारियों की उदासीनता के चलते शिकारी फिर एक बार जंगल में सक्रिय हुआ है। यहां तक वह अपने परिवार के सदस्यों से भी मिल रहा है। बकायदा इसके बारे में एसटीएसएफ को भी जानकारी है।

42 छर्रे लगे सिरे में

10 जुलाई 2020 में इंदौर रेंज की नयापुरा वनक्षेत्र में तेंदुए को गोली मारना सामने आया। तेंदुए के सिरे में 42 छर्रे लगे है। दो महीने तक इंदौर रेंज व रालामंड अभयारण्य एसटीओ ने जांच की।बबलू, अर्जुन, कैलाश सहित एक अन्य ग्रामीण के बयान दर्ज किए गए। संदिग्धों के बयान में काफी अंतर रहा। ठीक से एक भी अधिकारी ने जांच नहीं की। नवंबर 2020 में प्रकरण एसटीएसएफ को सौंप दिया। महीनों तक एसटीएसएफ के अधिकारियों ने जांच सही दिशा में नहीं की। पुरानी टीम के बिंदुओं के ईदगिर्द पूछताछ की गई।आठ महीने बीतने के बावजूद जांच किसी नतीजे पर नहीं पहुंची। फरवरी-मार्च में अधिवक्ता अभिजीत पांडे ने वन व पर्यावरण मंत्रालय, वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो में शिकायत की गई। यहां से प्रकरण को लेकर एसटीएसएफ मुख्यालय से भी जानकारी मांगी गई।

भोपाल से आई थी टीम

- Install Android App -

30 मार्च को इंदौर रेंज ने जंगली सुअर का शिकार करने वाले विष्णु और रामचरण को पकड़ा। पूछताछ में रमेश, राजेंद्र जाधव और मोहन डाबी का नाम सामने आया।न्यायालय ने चार शिकारियों को जेल भेज दिया, जिसमें मोहन डाबी फरार था। बाद में तेंदुए गोलीकांड को लेकर एसटीएसएफ ने इन आरोपितों की रिमांड मांगी। इनकी जांच पर शुरू से सवाल खड़े होने लगे।सूत्रों के मुताबिक प्रकरण सुलझाने की जल्दबाजी में एसटीएसएफ ने जंगली सुअर के शिकारियों पर तेंदुआ को गोली मारने का मामला डाल दिया।

काल डिटेल रिकार्ड (सीडीआर) के मुताबिक इन आरोपितों का मोबाइल लोकेशन एक बार भी 10 जुलाई को नयापुरा वनक्षेत्र के आसपास नहीं मिला।जबकि रमेश का नयापुरा से लगे एक गांव में घर है। जांच में बंदूक और सुअर के अवशेष जब्त किए।सूत्रों के मुताबिक एसटीएसएफ ने सबूत तैयार किए है। साथ ही सादे कागज पर आरोपितों से हस्ताक्षर करवाए है। बयान भोपाल से आए एक अधिकारी ने लिखवाए हैं।

ग्रामीणों ने देखा

शिकारियों की रिमांड लेने भोपाल से भी एक टीम आई थी, जो लगातार इनसे पूछताछ कर रही थी।सूत्रों के मुताबिक आरोपित एक बार भी 10 जुलाई की घटना के बारे में नहीं बता पाए। बावजूद इसके इन पर तेंदुआ का प्रकरण डाल दिया। भोपाल के एक डिप्टी रेंजर से मोहन डाबी के स्वजन संपर्क में थे।छह महीने में कई बार ग्रामीणों ने मोहन को जंगल के आस-पास देखा। इसके बारे में एसटीएसएफ और इंदौर रेंज के वनकर्मियों को जानकारी दी, लेकिन एक बार भी टीम ने मोहन को ढूंढने नहीं निकली।परिवार के सदस्यों से भी मिलता रहा है। ग्रामीणों के मुताबिक मोहन शाम होते ही घरवालों से मिलने आता है।