डिंडोरी कुकर्रामठ मंदिर के ऋणमुक्तेश्वर महादेव मंदिर में,पूजा-पाठ और दर्शन से पितृ-ऋण,देव-ऋण और गुरु-ऋण से मुक्ति मिलती
मकड़ाई समाचार डिंडोरी |कुकर्रामठ मंदिर को ऋणमुक्तेश्वर मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर जिला मुख्यालय से 14 किलोमीटर दूर कुकर्रामठ गांव में स्थित है। यह मंदिर भगवान् शिव को समर्पित है। कहा जाता है कि इस मंदिर में पूजा-पाठ और दर्शन से पितृ-ऋण ,देव-ऋण और गुरु-ऋण से मुक्ति मिलती है। आस-पास के लोग और अधिकांश नर्मदा परिक्रमा वासी मंदिर के दर्शन करने आते हैं। इस मंदिर का निर्माण 10वींं-11वीं ईसवी के मानेे जाते हैं।
एक मान्यतानुसार यह मंदिर कल्चुरी कालीन है, यहां छह मंदिरों का समूह था, लेकिन मौसम और समय के प्रतिकूल प्रभावों से सभी खंडहर हो गए। मंदिर एक विशाल चबूतरे पर बना है। मंदिर के गर्भ गृह में विशाल शिव-लिंग विराजमान हैं। मंदिर के मुख्य द्वार के सामने नंदी की प्रतिमा है। मंदिर में तीनों ओर प्रकोष्ठ बने हैं। मंदिर की दीवारों पर मूर्तियांं बनी हैं। मंदिर प्राचीन काल का होने के कारण अधिकांश मूर्तियों का छरण भी हो गया है। ग्रामवासी मंदिर में आकर पूजा करते हैं। शिवरात्रि में यहां विशाल मेला लगता है। जिले कि सबसे प्राचीन मड़ई भी यही लगती है। केयर टेकर केशव पांडे ने बताया की पहले इस स्थान पर 12 मूर्तियां थीं, जिनमे भगवान विष्णु ,भगवान हनुमान ,महावीर स्वामी , गौतम बुद्ध, शेर और कुत्ते सहित अन्य थी। मंदिर का रख रखाव पुरातत्व विभाग करता है।