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दिसंबर महीने में ही 25 करोड़ लोगों को संक्रमण का अनुमान, अस्पतालों में दवाएं-ऑक्सीजन खत्म

Corona Cases In China : कोरोना ने इस बार चीन में कोहराम मचा रखा है। फाइनेंशियल टाइम्स के मुताबिक देश के शीर्ष स्वास्थ्य अधिकारियों का अनुमान है कि दिसंबर महीने के 20 दिनों में ही चीन में लगभग 250 मिलियन यानी 25 करोड़ लोग कोरोना से संक्रमित हुए होंगे। ये चीन की आबादी का लगभग 20 फीसदी हिस्सा है। आपको बता दें कि अगर ये अनुमान सही है तो ये पूरी दुनिया में अब तक का सबसे बड़ा कोविड-19 विस्फोट है। मीडिया सूत्रों के मुताबिक ये आंकड़े 21 दिसंबर को चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग (NHC) की एक आंतरिक बैठक के दौरान पेश किए गए थे।

सोशल मीडिया पर दिखे मीटिंग नोट्स

दरअसल, चीनी सोशल मीडिया पर शुक्रवार को कथित तौर पर एनएचसी मीटिंग नोट्स की एक कॉपी प्रसारित की गई, जिसे सीएनएन ने देखा। हालांकि, दस्तावेज की प्रामाणिकता सत्यापित नहीं की गई और एनएचसी ने इस पर कमेंट के अनुरोध पर जवाब नहीं दिया। फाइनेंशियल टाइम्स और ब्लूमबर्ग दोनों ने अपनी रिपोर्टों में अनुमान लगाया कि अकेले मंगलवार (19 दिसंबर) को पूरे चीन में 37 मिलियन (3.7 करोड़) लोग कोविड-19 से संक्रमित थे। हालांकि, सरकारी रिपोर्ट में उस दिन केवल 3094 नए संक्रमणों की सूचना दी गई।

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अस्पतालों में ना दवाएं हैं ना ऑक्सीजन

महामारी विज्ञानी और स्वास्थ्य अर्थशास्त्री एरिक फेगल-डिंग ने शनिवार को दावा किया कि चीन की राजधानी बीजिंग के शीर्ष स्तर के अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन टैंक्स तक नहीं बचे हैं। एरिक ने एक वीडियो को रि-ट्वीट करते हुए दिखाया कि कैसे चीन के अस्पतालों में लाशों का अंबार लगा हुआ है और डेड बॉडीज रखने तक की जगह नहीं हैं। ज्यादातर अस्पतालों में बुखार की दवाओं की शॉर्टेज हो गई है, ऑक्सीजन टैंक्स खाली हो गए हैं, ब्लड की कमी है और हर तरफ डेड बॉडीज वाले बैग रखे हुए हैं। उनका मानना है कि अभी कोविड का और बुरा दौर आनेवाला है। इन्होंने हाल ही में दावा किया था कि चीन की 60 फीसदी से अधिक आबादी और दुनिया की 10 फीसदी जनसंख्या अगले 90 दिनों में कोविड से संक्रमित होनेवाली है।

टेस्टिंग और वैक्सीन में ढिलाई

चीन में लोग भी अब कोरोना संक्रमण का पता लगाने के लिए रैपिड एंटीजन टेस्ट का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे सही आंकड़े सामने नहीं आ रहे। दूसरी ओर यहां वैक्सीनेशन भी काफी कम हुआ है। NHC की ओर से 14 दिसंबर को जारी आंकड़ों के अनुसार, चीन में 80 वर्ष और उससे अधिक आयु के केवल 42.3 फीसदी लोगों को टीके की तीसरी खुराक मिली है। भारत में 60 वर्ष से अधिक की उम्र के लोगों लिए ने ये आंकड़ा शत प्रतिशत है।