मकड़ाई समाचार रायपुर। रायपुर पुलिस ने दो बच्चों का अपहरण कर हत्या करने वाले दो हत्यारों को मध्यप्रदेश में धर दबोचा है। पुलिस अब तक यही सोचकर तलाश कर रही थी कि नाबालिग कहीं चले गए होंगे। मगर, संदेही से पूछताछ के बाद हत्या के राजफाश ने सनसनी फैला दी। दरअसल, एक जून को रायपुर के पुरानी बस्ती में रंजीत विश्वास और उमेश यादव के गायब होने की रिपोर्ट लिखवायी थी। पुलिस को बताया गया था कि रजीत का एक पिकअप वाहन है, जिसमें फल लेकर आने की बात कहकर बिलासपुर के लिए खेलन पाल नाम के एक व्यक्ति ने बुक किया था।
इस गाड़ी में रंजीत के साथ उसका दोस्त उमेश भी गया था। घर से जाने के कुछ ही देर बाद रंजीत और उमेश का मोबाइल बंद हो गया। जब देर रात तक दोनों नहीं लौटे और दोनों का मोबाइल स्विच ऑफ मिला, तो खेलन पाल को कॉल लगाया, लेकिन उसने कुछ बताने के बजाय अपना मोबाइल भी बंद कर दिया। परिजनों ने आशंका होने पर पुरानी बस्ती थाने में केस दर्ज कराई।
पुलिस ने अपहरण का केस दर्ज कर आरोपी खेलन पाल के बारे में जानकारी जुटाई, तो खेलन मध्यप्रदेश के डिंडौरी का रहने वाला निकाला, जिसके बाद पुलिस की एक टीम डिंडौरी पहुंची और खेलन पाल को हिरासत में लिया। कड़ी पूछताछ के बाद खेलन ने अपना गुनाह कबूल किया और अपने एक दोस्त के साथ मिल मिलकर दोनों की हत्या की बात कबूल की।
खेलन पाल ने बताया कि उसने अपने दोस्त राम स्वरूप के साथ मिल कर पैसे के लालच में दोनों बच्चों की हत्या कर दी। आरोपियों ने बताया कि रायपुर से उन दोनों को पहले वो अनूपपुर ले गये। अनूपपुर के बेल्हा गांव में दो बच्चों को एक खेत में ले जाकर पहले शराब पिलाई और फिर नशे की हालत में दोनों की पत्थर से कुचलकर हत्या कर दी।
बाद में वारदात वाली जगह से करीब 20 किलोमीटर दूर पंडरी बकान इलाके में जाकर एक नाला के नीचे दोनों शव को दफन कर दिया। पुलिस ने निशानदेही पर दोनों के शव को बरामद कर लिए गए हैं। आरोपी खेलन पाल के मुताबिक, लॉकडाउन की वजह से उसके पास पैसे नहीं थे। जब वो फल लेने के लिए लड़कों को लेकर निकला तो दोनों लड़कों के पास पैसे देखे, तो उसके मन में लालच आ गया और फिर उसने ये पूरी वारदात को अंजाम दिया।