पंजाब कांग्रेस में फिर घमासान शुरू कैप्टन के इस्तीफे के बाद 42 विधायकों का मिला था समर्थन: सुनील जाखड़
नई दिल्ली । पंजाब में कांग्रेस की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं, पहले नवजोत सिंह सिद्धू और कैप्टन अमरिंदर सिंह का चैप्टर। फिर सिद्धू की नाराजगी को दूर करना और अब पार्टी के एक और बड़े नेता ने बगावती सुर छेड़ दिए हैं। पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने दावा कर दिया है कि 42 विधायक उनके पाले में हैं और कैप्टन के बाद उन्हें मुख्यमंत्री बनाना चाहते थे। पंजाब के अबोहर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए सुनील जाखड़ ने अपने मन की ये बात सामने रखी। जिसमें उन्होंने दावा किया कि, जब कैप्टन अमरिंदर सिंह को हटाया गया था तो 42 ऐसे विधायक थे, जिन्होंने जाखड़ को समर्थन दिया था। वहीं महज दो विधायकों ने चरणजीत सिंह चन्नी को सीएम पद के लिए अपना समर्थन दिया। सिर्फ इतना ही नहीं, सुनील जाखड़ ने ये भी बताया कि उन्हें राहुल गांधी की तरफ से डिप्टी सीएम का पद ऑफर किया गया था, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया। जाखड़ ने बताया कि 16 विधायक सुखजिंदर सिंह रंधावा के पक्ष में थे, 12 विधायक चाहते थे कि कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी प्रणीत कौर उप मुख्यमंत्री बनें, वहीं नवजोत सिंह सिद्धू को डिप्टी सीएम बनाने के समर्थन में सिर्फ 6 विधायक थे। बता दें कि कांग्रेस की तरफ से अब तक साफ नहीं किया गया है कि, पंजाब में जीत के बाद किसे वो मुख्यमंत्री बनाएंगे। इसीलिए पंजाब कांग्रेस में घमासान तेज होता जा रहा है। सभी बड़े नेता अपनी दावेदारी ठोक रहे हैं। जिसमें अब सुनील जाखड़ का नाम भी शामिल हो चुका है। सिद्धू और कैप्टन की लड़ाई के बाद कांग्रेस ने कैप्टन से इस्तीफा ले लिया था, जिसके बाद सितंबर 2021 में चरणजीत सिंह चन्नी ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। वहीं उनके साथ सुखजिंदर रंधावा और ओपी सोनी को डिप्टी सीएम बनाया गया। लेकिन अब एक बार फिर कांग्रेस की भीतरी लड़ाई शुरू हो चुकी है, जो चुनाव से ठीक पहले पार्टी के लिए एक बड़ी चुनौती की तरह है।