मकड़ाई एक्सप्रेस 24 | हमें जीवन में सभी प्रकार की सुख.सुविधाओं को प्राप्त करने के लिए धन की आवश्यकता होती है। धन कमाने के लिए हर व्यक्ति तरक्की करना चाहता है। इस के लिए वह दिन.रात मेहनत करता है। लेकिन बहुत से लोगों की यह शिकायत होती है कि लगातार परिश्रम करने के बाद भी उन्हें मनचाहा धन और उन्नति नहीं मिलती।
हमारे सनातन धर्म में पत्नि को गृहलक्ष्मी का दर्जा दिया जाता है । इसको लेकर कुछ नियम बताए गए है।जिनका पालन करने से धन.धान्य से घर भरा रहता है।
आज बता रहे कुछ उपाए जिसे अगर घर की लक्ष्मी करे तो घर धन.दौलत से भर जाता है।
रसोई मेे जाने से पहले स्नान
गृहणी जब भी रसोईघर में भोजन पकाएं तो उससे पहले स्नान करें। इसके बाद ही किचन में प्रवेश करें।बिना नहाए भोजन पकाने से अन्न और अग्नि देव का अपमान होता है और ऐसे घर में गरीबी बनी रहती है।
किचन में रखे साफ.सफाई
घर के रसोई घर को हमेशा साफ रखें सुबह उठते से सबसे पहले वहां कचरा साफ करें। रात सोने से पहले जूठे बर्तन किचन मेें न छोड़ें और न ही किचन को गंदा छोड़ें। ऐसा करने से मां अन्नपूर्णा और मां लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं। ऐसे में घर में कभी भी लक्ष्मी जी का वास नहीं होता। भोजन पकाने से पहले और काम पूरा होने के बाद चूल्हे को अच्छी तरह साफ करें।किसी प्रकार की जूठन अनाज के दाने सब्जी की कतरन आदि न हो सब साफ रखें।ं चूल्हे प्लेटफार्म पर कभी भी जूठे बर्तन न रखें। जलपात्र के पास दीपक रखे या दीप अवश्य दिखाएंे जलदेवता है। भोजन बनाते समय भगवान के भजन या नाम गुनगुनाएं भोजन भजन से भगवान का प्रसाद बन जाता है।
किचन में टूटे बर्तन न रखें
घर में कभी भी टूट. फूटे बर्तन ना रखें। इससे दरिद्रता घर में आती है। हमेशा घर में अच्छे साफ बर्तन रखे होने चाहिए।
सबसे पहले भगवान को लगाएं भोग
भोजन पकाने के बाद सबसे पहले भगवान को भोग लगाएं और फिर पहली रोटी गाय को दें। आखिरी रोटी कुत्ते को दें। जानवरों को खिलाना काफी पुण्य देता है। गाय को सनातन धर्म में पूजनीय माना गया है। गाय को पहली रोटी खिलाने से देवी.देवता प्रसन्न होते हैं। घर में हमेशा सुख.समृद्धि बनी रहती है।
बुरे विचार
भोजन पकाते समय हमेशा सकारात्मक रहें। साथ ही प्रेम भावना रखें। भगवान और अपने परिवार के लिए भोजन पकाते समय अच्छी मन में अच्छी भावना रखना चाहिए। साथ ही बुरा बोलना भोजन को नकारात्मकता से भर देगा। ऐसा भोजन ग्रहण करने से बीमारी और दुख आते हैं। साथ ही मां अन्नपूर्णा नाराज होती हैं। भोजन पकाते समय घर में झगड़ा किया जाएए क्रोध किया जाए या मन में बुरे विचार हों तो इससे परिवार का धन नष्ट होने लगता है।