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पीएम किसान योजना: 17वीं किस्त से पहले सरकार करेगी योजना का मूल्यांकन, जानें वजह

सरकार किसानों के लिए कई योजनाएं चला रही है, जिनमें से पीएम किसान योजना (PM Kisan Yojana) विशेष रूप से लोकप्रिय है। इस योजना के अंतर्गत किसानों को सालाना 6,000 रुपये की आर्थिक सहायता सीधे उनके बैंक खातों में भेजी जाती है। अब तक इस योजना के तहत 16 किस्तें किसानों को मिल चुकी हैं, और अब उन्हें 17वीं किस्त का बेसब्री से इंतजार है। जो की बहुत जल्द किसान को मिलने वाली है।

हाल ही में एक खबर आई है कि सरकार 17वीं किस्त जारी करने से पहले पीएम किसान योजना का मूल्यांकन करने की योजना बना रही है। इसके लिए नीति आयोग के विकास निगरानी और मूल्यांकन कार्यालय (डीएमईओ) ने इस योजना के मूल्यांकन के लिए बोलियां आमंत्रित की हैं। केंद्र सरकार हर साल इस योजना पर लगभग 60,000 करोड़ रुपये खर्च करती है। इस योजना का उद्देश्य सीमांत और आर्थिक रूप से कमजोर किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है।

योजना का मूल्यांकन करने का मुख्य उद्देश्य यह पता लगाना है कि इस योजना से किसानों की वित्तीय जरूरतों को कितनी हद तक पूरा किया गया है। साथ ही, यह समझने की कोशिश की जाएगी कि पीएम किसान योजना से किसानों की आय में कितना सुधार आया है और क्या डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) किसानों की मदद करने का आदर्श तरीका है।

*मूल्यांकन में इतने राज्य को किया जाएगा शामिल*

पीएम किसान योजना के मूल्यांकन के लिए 24 राज्यों के कम से कम 5,000 किसानों को सर्वेक्षण में शामिल किया जाएगा। इनमें से 17 प्रमुख राज्यों में लगभग 95 प्रतिशत पीएम किसान लाभार्थी हैं। वित्त वर्ष 2024-25 के लिए इस योजना के लिए 60,000 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है, जो पिछले वित्तीय वर्ष के बजटीय और संशोधित अनुमान के समान है।

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इस दिन आएगी पीएम किसान योजना की 17वीं किस्त?

पीएम किसान योजना की पिछली किस्त 28 फरवरी 2024 को जारी की गई थी, जिसमें 9 करोड़ से अधिक किसानों के खातों में 21 हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि ट्रांसफर की गई थी। अब किसानों को 17वीं किस्त का इंतजार है, और संभावना है कि यह किस्त जून 2024 के आखिरी सप्ताह या जुलाई में जारी की जाएगी। फिलहाल, लोकसभा चुनाव चल रहे हैं और 4 जून को इसके परिणाम आएंगे। इसके बाद सरकार का गठन होगा। ऐसे में किसानों को इस बार पीएम किसान योजना की 17वीं किस्त के लिए थोड़ा इंतजार करना पड़ सकता है।

सरकार का यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए है कि योजना से किसानों को सही मायनों में लाभ मिल रहा है या नहीं। इसके अतिरिक्त, यह भी देखा जाएगा कि योजना के कार्यान्वयन में किसी प्रकार की समस्याएं तो नहीं आ रही हैं और यदि हैं तो उन्हें कैसे सुलझाया जा सकता है।

योजना के मूल्यांकन से यह भी पता चलेगा कि इसके तहत मिलने वाली आर्थिक सहायता से किसानों के जीवन में कितनी सुधार हुई है। यदि कुछ कमियां पाई जाती हैं, तो उन्हें दूर करने के लिए उचित कदम उठाए जाएंगे, ताकि यह योजना और भी प्रभावी हो सके।

कुल मिलाकर, पीएम किसान योजना का मूल्यांकन एक महत्वपूर्ण कदम है, जो सुनिश्चित करेगा कि किसानों को सही सहायता मिल रही है और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है। इससे योजना की पारदर्शिता और प्रभावशीलता भी बढ़ेगी, जिससे किसानों को अधिक लाभ होगा।