इंदौर। इंदौर-दाहोद लाइन प्रोजेक्ट के तहत पीथमपुर के पास बनाई जा रही सुरंग का काम रुकने से नया संकट हो गया है। क्षेत्र में लगातार बारिश से सुरंग के मध्य भाग का 15 मीटर हिस्सा पानी में समा गया है। सुरंग के इंदौर तरफ वाले हिस्से में खतरा ज्यादा हो गया है क्योंकि वहां सुरंग कच्ची है और इसी तरफ ज्यादा पानी भरा है। फिलहाल सुरंग निर्माण का काम ठप है और इसे शुरू करने को लेकर रेलवे बोर्ड और पश्चिम रेलवे के अधिकारी गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं। जानकारों का कहना है कि पानी ऐसे ही भरता रहा तो सुरंग धंस सकती है।
करीब डेढ़ साल पहले रेलवे ने 140 करोड़ रुपये में 2.90 किलोमीटर लंबी इस सुरंग का निर्माण शुरू किया था। 40 से 50 प्रतिशत हिस्सा बनने के बाद कोरोना के कारण रेलवे ने अचानक इंदौर-दाहोद रेल लाइन प्रोजेक्ट के सभी काम बंद करा दिए। ‘नईदुनिया’ ने सबसे पहले इस मामले को उठाया था। इसके बाद पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन और वर्तमान सांसद शंकर लालवानी ने भी रेल मंत्री पीयूष गोयल से इस संबंध में चर्चा की, लेकिन रुका काम शुरू नहीं हो सका।
स्टेट हाइवे को भी खतरा
सुरंग के रास्ते में एक जगह ऐसी है, जहां महू-लेबड़ स्टेट हाइवे ऊपर से गुजर रहा है। उक्त हिस्से में पानी भरने से मिट्टी धंसने का खतरा है, जिससे हाइवे को नुकसान पहुंच सकता है। रेलवे मामलों के जानकार नागेश नामजोशी के मुताबिक सुरंग निर्माण में रेलवे अब तक लगभग 70 करोड़ रुपये खर्च कर चुका है। सुरंग का ठेका अव्यावहारिक रूप से निरस्त होने से यह पैसा बेकार चला जाएगा। नए सिरे से जब भी सुरंग निर्माण के टेंडर होंगे तो रेलवे को ज्यादा राशि देकर काम कराना पड़ेगा। इसके बजाय वर्तमान काम को जारी रखना ही बेहतर है।
इनका कहना है
रेलवे का निर्माण विभाग तय करेगा कि सुरंग का काम बंद करना या जारी रखना है। रेलवे आइआइटी से इस मामले में राय ले रहा है, लेकिन अब तक तो इसे लेकर कोई निर्णय नहीं हुआ है।
-विनीत गुप्ता, डीआरएम-रतलाम