ब्रेकिंग
मंत्री विजय शाह की गिरफ्तारी पर सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल लगाई रोक: इस पूरे मामले की जांच SIT कराने के... हरदा: कलेक्टर श्री जैन ने हृदय अभियान की समीक्षा की बड़ी खबर हरदा से तेंदूपत्ता तोड़ने गई आदिवासी महिला पर सूअर ने किया हमला , महिला गंभीर घायल तेज गर्मी से सड़कों पर सन्नाटा छाया: तेज गर्मी से लोग परेशानः 40 डिग्री पर पहुंचा पारा, बढ़ी उमस, शी... हरदा: बरसात में करंट से बचने के लिये विद्युत वितरण कंपनी ने एडवायजरी जारी की तेज़ आंधी में पेड़ गिरने से मकान क्षतिग्रस्त — नगर पालिका से शीघ्र कार्रवाई की मांग Aaj ka rashifal: आज दिनांक 18 मई 2025 का राशिफल, जानिए आज क्या कहते है। आपके भाग्य के सितारे Harda Sirali: रिश्वतखोर पटवारी को 4-4 साल के सश्रम कारावास की सजा , वर्ष 2017 में किसान से नामांतरण... दिल्ली में निर्माणाधीन इमारत गिरी 3 की मौत ! हवा आँधी बारिश से हुआ हादसा हरदा: रेत एवं गिट्टी के अवैध भण्डारण में प्रयुक्त 2 ट्रेक्टर ट्राली जप्त

पुष्कर सिंह धामी बने प्रदेश के 11वें मुख्यमंत्री, राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने दिलाई शपथ

पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) ने देहरादून में उत्तराखंड के 11 वें मुख्यमंत्री (Chief Minister) के तौर पर शपथ ली। उनके साथ कैबिनेट मंत्रियों के तौर पर सतपाल महाराज, हरक सिंह रावत, बंशीधर भगत, यशपाल आर्य, बिशन सिंह चौपाल, सुबोध उनियाल, अरविंद पांडे, गणेश जोशी, धन सिंह रावत, रेखा आर्या और यतीश्वरानंद ने भी पद एवं गोपनीयता की शपथ ली।

उधमसिंह नगर जिले के खटीमा से दो बार के विधायक चुने गये 45 वर्षीय पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड के अब तक के सबसे युवा मुख्यमंत्री हैं। इन्होंने तीरथ सिंह रावत की जगह ली है, जिन्होंने प्रदेश में संवैधानिक संकट का हवाला देते हुए शुक्रवार देर रात अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। उसके बाद बीजेपी ने उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री के रूप में धामी को चुनकर एक युवा नेता पर भरोसा व्यक्त किया।

धामी के सामने क्या हैं चुनौतियां?

    • उनके सामने सबसे मुख्य चुनौती 2022 में लगातार दूसरी बार भारतीय जनता पार्टी को जीत दिलाने की है।बतौर मुख्यमंत्री उन्हें अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों में पार्टी का नेतृत्व करना होगा और पार्टी की नैया पार लगानी होगी।

- Install Android App -

    • सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री होने की वजह से पार्टी में अधिकतर नेता उनसे उम्र और अनुभव में बड़े हैं। उन्हें नाराज किये बना काम करना आसान नहीं होगा। इसके अलावा दो-दो पूर्व मुख्यमंत्रियों के अहम और गुटबाजी पर भी नजर रखनी होगी।
    • जनहित के कार्यों के लिए उनके पास 6 महीने से भी कम का समय है। इसी दौरान उन्हें जनता में अपनी छवि और पकड़ बनानी होगी, ताकि चुनाव में जीत के बाद भी मुख्यमंत्री का पद बचा रहे। उनके सामने अपने पूर्ववर्तियों द्वारा छोड़ी गईं समस्याओं का अंबार भी है, जिन्हें ठीक करने के लिए उनके पास काफी कम वक्त है।
    • कोविड-19 से चरमराई अर्थव्यवस्था, चारधाम यात्रा के निलंबन से उपजा रोष, कुंभ मेले के दौरान हुए कोविड जांच घोटाले का मुद्दा, देवस्थानम बोर्ड के खिलाफ पुजारियों का जारी आंदोलन जैसे कई मुद्दे उनके भविष्य की राजनीतिक दशा और दिशा तय करेंगे।

जानिये कौन हैं पुष्कर सिंह धामी?

पुष्‍कर सिंह धामी धामी का जन्म पिथौरागढ़ जिले के कनालीचिना गांव में 16 सितंबर 1975 को हुआ था। उनके पिता सैनिक थे। धामी ने बाद में कुमाऊं क्षेत्र के उधम सिंह नगर जिले में स्थित खटीमा को अपनी कर्मभूमि बना लिया और विधानसभा चुनावों में 2012 से लगातार दो बार से खटीमा निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। पुष्‍कर सिंह धामी महाराष्ट्र के राज्यपाल और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी के करीबी माने जाते हैं, जो उनके राजनीतिक गुरु रहे हैं। संघ के प्रशिक्षित स्वयंसेवक रहे धामी पूर्व सीएम कोश्यारी के कार्यकाल में ओएसडी भी रह चुके हैं। धामी कानून की डिग्री के साथ स्नातकोत्तर हैं और उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से लोक प्रशासन में डिप्लोमा पाठ्यक्रम भी किया है। धामी ने मानव संसाधन प्रबंधन और इंडस्ट्रियल रिलेशन में मास्टर की डिग्री ली है।