ब्रेकिंग
शहर में बढ़ रही मच्छरों की फौज, लाचार नगर पालिका प्रशासन मौसम का मिजाज बदलते ही मच्छरों का प्रकोप भ... हरदा: कमल कुंज भाजपा कार्यालय में धूम धाम से मनाया भाजपा का 46 वॉ स्थापना दिवस* बिन माँ बाप की लड़की को सोहेल खान ने बनाया लव जिहाद का शिकार:  सोहेल खान ने राहुल शर्मा नाम से सोशल म... अयोध्या नगरी: भये प्रगट कृपाला दीन दयाला, रामनवमी पर रामलला का हुआ सूर्यतिलक, दर्शन करने उमड़ा भक्तो... पति ने पत्नि से झगड़े के बाद उसे ससुराल छोड़ा और घर आकर लगाई फांसी Aaj ka rashifal: आज दिनांक 6 अप्रैल 2025 का राशिफल, जानिए आज क्या कहते है आपके भाग्य के सितारे नर्मदापुरम मे बड़ी कार्रवाई तो सीहोर जिले में सागोंन माफिया ने कीमती सागौन में लगाई आग, भेरूंदा का ... केंद्रीय कृषि मंत्री व पूर्व सीएम चौहान के काफिले का पुलिस वाहन पलटा! 3 जवान घायल बनासकांठा: हंडिया: फटाखा ब्लास्ट में हंडिया के 11 वे मजदूर की इलाज के दौरान हुई मौत सिवनी मालवा: टीकाकरण कार्यक्रम में ग्रामीण ने कुल्हाड़ी दिखाते हुए डॉक्टर और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को...

फेसबुक ने न्यूज साइट्स के लिंक ब्लॉक करने की दी धमकी, ‘ऑनलाइन न्यूज एक्ट’ नये प्रस्तावित कानून का विरोध

फेसबुक: मार्क जुकरबर्ग की कंपनी मेटा ने कनाडा में अपने सभी सोशल प्लेटफॉर्म से न्यूज साइट्स के लिंक्स को ब्लॉक करने की धमकी दी है। इसमें फेसबुक और इंस्टाग्राम शामिल हैं।

मेटा के प्रवक्ता ने एक बयान जारी कर कहा कि अगर कनाडा की सरकार अपने प्रस्तावित ‘ऑनलाइन न्यूज एक्ट’ को पारित करती है, तो उन्हें मजबूरन ये कदम उठाना पड़ेगा। इस कानून के बन जाने से कंपनी को उनकी सोशल साइट्स पर आने वाली न्यूज सामग्री के लिए प्रकाशकों को भुगतान करना पड़ेगा। इससे पहले गूगल ने भी लगभग इसी तर्ज पर सरकार के इस नये प्रस्तावित कानून का विरोध किया है। इस बयान के बाद गूगल और फेसबुक जैसी कंपनियों और कनाडा सरकार के बीच टकराव की स्थिति बन गई है।

क्या है ऑनलाइन न्यूज एक्ट…..?

- Install Android App -

ऑनलाइन समाचार अधिनियम को आधिकारिक तौर पर C-18 कहा जाता है, जिसे ऑस्ट्रेलिया में लागू इसी तरह का कानून के आधार पर तैयार किया गया है। इस नियम के तहत, जब भी मेटा और अन्य इंटरनेट कंपनियों की साइट्स पर समाचार या कंटेंट के लिए कोई लिंक शेयर होगी या दुबारा डाला डाएगा, तो इंटरनेट कंपनियों को उसके प्रकाशकों को भुगतान करना पड़ेगा। अभी तक कंपनियां, प्रकाशकों को उनके लिंक के लिए कोई भुगतान नहीं करती हैं।

 क्या है मामला — ये कंपनियां, अपने साइट पर कंटेट उपलब्ध करा कर विज्ञापनों से मोटी कमाई करती हैं, लेकिन न्यूज देनेवाले प्रकाशकों या कंटेंट प्रोवाइडर को कोई आर्थिक फायदा नहीं देतीं। दरअसल गूगल और फेसबुक खुद को एग्रीगेटर कहते हैं और विभिन्न समाचार एजेंसियों की खबरें एक साथ दिखाते हैं। इसके लिए वो समाचार एजेंसियों या कंटेट प्रोवाइडर को कोई मुआवजा या भुगतान नहीं करते। वहीं इन समाचारों पर जितने लोग आते हैं, उससे कंपनी को अपने विज्ञापनों की कीमत तय करने में मदद मिलती है। कई बार समाचारों की प्राथमिकता तय करने के नाम पर भी कमाई की जाती है। इसके लिए गूगल अलग-अलग तरह के एल्गोरिदम का दावा करता है।

ऑनलाइन न्यूज एक्ट लागू हुआ तो …..

कनाडा का संसदीय कार्यालय का अनुमान है कि अगर ये कानून लागू हुआ तो Google और Facebook को संयुक्त रूप से प्रति वर्ष समाचार प्रकाशकों को लगभग 242.99 मिलियन US का भुगतान करना पड़ेगा। मेटा और गूगल ने इसे अव्यवहारिक और अनावश्यक बताते हुए इसका विरोध किया है। साथ ही लिंक बंद करने की धमकी दी है। ये खोखली धमकी नहीं कही जा सकती, क्योंकि 2021 में फेसबुक ने ऑस्ट्रेलिया में इससे जुड़ा कानून लागू होने के बाद समाचार लिंक को ब्लॉक कर दिया।