मकड़ाई समाचार श्योपुर । सात दिन पहले हथियारबंद बदमाशों द्वारा किए गए चरवाहों के अपहरण के बाद पुलिस उन्हें छुड़ाने के लिए एड़ीचोटी का जोर लगा रही थी, लेकिन पुलिस बदमाशों तक नहीं पहुंच पाई।
सात ग्रामीणों को बंधक बनाया
जानकारी के अनुसार बीते शनिवार की रात को धनखड की खिरकाई से आठ बंदूक धारी बदमाशों ने सात ग्रामीणों को बंधक बनाकर लिया था। इसके बाद चार ग्रामीणों को कुछ दूर पैदल ले जाने के बाद मारपीट कर छोड़ दिया, लेकिन भरतू बघेले और गुड्डा बघेले निवासी गुंजनपुरा और रामस्वरूप यादव निवासी भूरापुरा पचनया को अगवा कर अपने साथ ले गए थे।
3 चरवाहे बदमाशों को चकमा देकर भाग आए
जिसके बाद पुलिस उनकी तलाश के लिए लगातार जंगल सर्चिंग कर रही है। लेकिन अभी तक बदमाशों का कोई सुराग नहीं मिला है। इस बीच शनिवार को तीन चरवाहे बदमाशों के चंगुल से छूटकर घर लौट आए हैं।छूटकर आए तीनों ग्रामीणों का कहना है कि वे बदमाशों को चकमा देकर भागकर आ गए हैं।
बदमाश अभी तक पुलिस की पकड़ में नहीं आ सके
जबकि पुलिस का कहना है कि बदमाश पुलिस दबाव के चलते तीनों अपहृतों को छोड़कर भाग निकले हैं। बदमाशों ने तीनों ग्रामीणों की जमकर मारपीट की गई।मारपीट से एक ग्रामीण रामस्वरूप के पैरों में काफी चोट आई है। जिस कारण उसे विजयपुर अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है। लेकिन अपहरण करने वाले बदमाश अभी तक पुलिस की पकड़ में नहीं आ सके हैं।
अपहृतों ने बताई कहानी
बदमाशों की चंगुल से छूटकर आए तीनों अपहृतों ने जो कहानी बताई है, उसके मुताबिक बदमाश उन्हें दूसरे ही दिन चंबल नदी को नाव से पार कराकर राजस्थान ले गए। बदमाशों ने उनके साथ खूब मारपीट की, वे उन्हें रात को पैर बांधकर रखते थे। शुक्रवार-शनिवार की रात को वे बदमाशों को चकमा देकर वहां से भाग निकले और वाहनों के जरिए विजयपुर पहुंच गए|
फिरोती देने की बात से इंकार
सूत्रों का कहना है कि शनिवार की दोपहर एक चार पहिया वाहन बस स्टैंड पर पहुंचा जिसमें तीनों अपहृतों को उतारा गया है और अपहृतों को लेने के लिए वहां पहले से उनके स्वजनों मौजूद थे। इसलिए माना जा रहा है कि स्वजनों ने फिरोती देकर ही चरवाहों को छुड़ाया है। लेकिन अपहृतों के स्वजन फिरोती देने की बात से इंकार कर रहे हैं।