भारत में हर साल 6 लाख लोगों की मौत हार्ट अटैक से होती है, इन कारणों से कम उम्र में हार्ट अटैक के मामले बढ़े
Heart Attack in India : भारत में दिल का दौरा पड़ने से 50 साल से कम उम्र के 5 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। शुक्रवार को यह जानकारी राज्यसभा में सामने आई जहां सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण विषय है और इस पर ध्यान देना जरूरी है.
Heart Attack in India
प्रियंका ने शुक्रवार को राज्यसभा में कहा कि जिन लोगों को दिल से जुड़ी कोई बीमारी नहीं थी, उन्हें भी अचानक दिल का दौरा पड़ा और दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गई. कोरोना संक्रमण भी इसका एक बड़ा कारण था।
कोरोना के बाद अचानक बढ़े हार्ट अटैक के मामले
इस दौरान इस बात पर जोर दिया गया कि लोगों में बढ़ रहे हार्ट अटैक और कोरोना संक्रमण के बीच संबंध की जांच की जानी चाहिए. आपको बता दें कि कोरोना महामारी के दौरान लोगों में हार्ट अटैक के मामले बढ़ गए थे. साथ ही ये भी दावे किए गए कि कुछ टीकों और दवाओं के साइड-इफेक्ट के कारण दिल के दौरे के मामले बढ़ेंगे.
रिसर्च जर्नल लैंसेट की स्टडी में कहा गया है कि, भारत में 5 से 6 लाख लोगों की मौत हार्ट अटैक से हुई और इनमें से ज्यादातर की उम्र 50 साल से कम थी. यह न केवल मरीजों के परिवारों के लिए बल्कि देश की अर्थव्यवस्था के लिए भी बहुत दुखद है। ऐसे में हार्ट अटैक से युवाओं की मौत भी चिंता का कारण है।
स्वस्थ लोगों का भी हृदय गति रुकना
वहीं कई ऐसे मामले भी सामने आए हैं, जहां क्रिकेट खेलते समय किसी खिलाड़ी की हार्ट अटैक से मौत हो गई. तो वहीं इस साल नवरात्रि के दौरान गरबा और डांडिया करते वक्त लोगों के दिल का दौरा पड़ने और मौत की खबरें भी आईं. जबकि, इन लोगों में हृदय रोग का कोई इतिहास नहीं था। इसी तरह कुछ दिन पहले 38 साल के एक स्वस्थ्य युवक को ट्रेन में अचानक दिल का दौरा पड़ा.
कम उम्र में दिल का दौरा पड़ने के कारण
विशेषज्ञों के मुताबिक 40 और 50 साल से कम उम्र के लोगों में दिल के दौरे के मामले बढ़ने के ये हैं कारण:
- अस्वस्थ जीवनशैली और खान-पान की गलत आदतें
- बहुत अधिक तनाव
- प्रदूषण
- उच्च कोलेस्ट्रॉल स्तर
- उच्च रक्तचाप की समस्या
- मोटापा
- स्टेरॉयड और सप्लीमेंट का सेवन
- गलत तरीके से व्यायाम करना