मकड़ाई समाचार उज्जैन। महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति की बैठक का समय बदल गया है। सोमवार सुबह 10:30 बजे की जगह अब शाम 5:30 बजे बृहस्पति भवन में बैठक होगी। इसमें भस्मारती दर्शन अनुमति देने और गर्भगृह में प्रवेश शुरू करने को लेकर निर्णय हो सकता है। बैठक में अन्नक्षेत्र व भगवान को फूल प्रसाद चढ़ाने को लेकर भी चर्चा होने की उम्मीद है। इधर इस पूरे मामले ने सियासी रंग भी ले लिया है। रविवार को कांग्रेस ने मंदिर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। आरोप लगाया कि भाजपा नेताओं के इशारे पर मंदिर समिति ताबडतोड़ निर्णय ले रही है, जबकि भक्त कई दिनों से इसकी मांग कर रहे थे।
ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में कोरोना संक्रमण को देखते हुए बीते 17 मार्च 2020 से भस्मारती दर्शन व गर्भगृह में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा हुआ है। बीते दिनों सिनेमा घरों को पूर्ण क्षमता से शुरू करने के निर्णय के बाद देश विदेश के भक्त महाकाल मंदिर में भस्मारती दर्शन की अनुमति देने की मांग कर रहे थे। इधर हार, फूल व प्रसाद विक्रेता भी आर्थिक संकट का हवाला देते भगवान को हार, फूल, प्रसाद अर्पित करने पर लगी रोक को हटाने के लिए गुहार लगा रहे थे। सोमवार को होने वाली प्रबंध समिति की बैठक में इन सब मांगों पर निर्णय होगा।
सब कुछ ठीक रहा, तो 9 फरवरी से भक्तों को भस्मारती दर्शन तथा भगवान महाकाल का जलाभिषेक करने के लिए गर्भगृह में प्रवेश मिल सकता है। बताया जाता है प्रबंध समिति में कर्मचारियों की वेतन वृद्धि तथा मंदिर द्वारा किए जा रहे निर्माण कार्य का मुद्दा भी शामिल है। समिति कर्मचारियों को लाभ देकर खुश कर सकती है।
1700 श्रद्धालुओं को मिलती है अनुमति
महाकाल मंदिर में रोजाना तड़के चार बजे भगवान की भस्मारती शुरू होती है। इसमें राजाधिराज को भस्म अर्पित की जाती है। आरती दर्शन के लिए पूर्व में अनुमति लेना जरूरी है। एक दिन में 1700 भक्तों को अनुमति दी जाती है। पर्व-त्योहार के दिन स्थिति अनुसार अनुमति की संख्या बढ़ा दी जाती है। कोरोना संक्रमण के कारण प्रशासन द्वारा दर्शन अनुमति पर रोक लगा दी गई थी। अब हालात फिर से सामान्य होने पर इसे पुन: शुरू करने की मांग उठी है।
कांग्रेस का आरोप- भाजपा नेताओं के लिए ताबड़तोड़ व्यवस्था
इधर युवा कांग्रेस ने जिला प्रशासन पर भाजपा सरकार के इशारों पर काम करने का आरोप लगाया है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने रविवार को प्रशासन के खिलाफ हाथों में नारे लिखी पट्टियां लेकर महाकाल मंदिर के सामने विरोध प्रदर्शन किया। युकां नेता बबलू खींची व दीपेश जैन ने बताया कांग्रेस इतने दिनों से भस्मारती दर्शन व गर्भगृह में प्रवेश शुरू करने के लिए मांग कर रही थी, लेकिन आफिसरों ने जनता की आवाज नहीं सुनी। अब 12 व 13 फरवरी को उज्जैन में भाजपा की बड़ी बैठक है, तो सत्ता पक्ष के लोगों को दर्शन की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए उनके इशारे पर अचानक प्रबंध समिति की बैठक बुलाकर प्रवेश शुरू करने पर निर्णय लिया जा रहा है।