ब्रेकिंग
जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने आज से प्रारम्भ होगा ‘‘नर्मदा पेडल फेस्ट’ सीधी में नायब तहसीलदार रिश्वत लेते रंगे हाथ धराया!  काम कराने के बदले 25 हजार लेते लोकायुक्त ने रंग... Aaj ka rashifal: आज दिनांक 22 दिसंबर 2024 का राशिफल, जानिए आज क्या कहते है आपके भाग्य के सितारे मुख्यमंत्री कन्या विवाह एवं निकाह के लिये तिथियां निर्धारित हरदा:- क्षेत्रवासियों व कांग्रेसजनों द्वारा हरदा विधायक डॉ. दोगने का किया सम्मान अतिक्रमण हटाने की मुहिम औपचारिकता बनकर रह गई। पढ़े पूरी खबर हंडिया : सरस्वती शिशु मंदिर के वार्षिकोत्सव में बच्चों ने दी शानदार प्रस्तुति !  महिला की गले मे फंदा फसने से हुई मौत ! आलू प्याज छीलने की मशीन पर कर रही थी काम !  बिग न्यूज हरदा: मकड़ाई रोड़ पर मिली मकड़ाई निवासी युवक की संदिग्ध लाश, पुलिस जांच में जुटी! Aaj ka rashifal: आज दिनांक 21 दिसंबर 2024 का राशिफल जानिए आज क्या कहते है आपके भाग्य के सितारे।

महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों का सामने आया खेल: पांच गाड़ियों के एवज में निजी बैंकों में जमा कर दिए 400 करोड़

रायपुर। राज्य के महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों की ओर से किया गया एक नए तरह का खेल सामने आया है। अधिकारियों ने करीब 400 करोड़ रुपये की सरकारी राशि सरकारी बैंक से निकालकर निजी बैंकों में जमा कर दी है। इसके एवज में बैंकों से पांच गाड़ियों समेत कुछ अन्य सुविधाओं का सौदा हुआ है। दो डिजायर गाड़ियां विभाग को मिल भी गई हैं। अब जब यह चर्चा गर्म हो गई है तो अधिकारी लीपापोती करते हुए दान में मिलीं गाड़ियों को लौटाने की बात कह रहे हैं।

जानकारी के अनुसार समेकित बाल विकास योजना (आइसीडीएस) के तहत बच्चों के उचित मानसिक, शारीरिक और सामाजिक विकास के लिए केंद्र सरकार राशि भेजती है। यह राशि आंगनबाड़ी भवनों, बच्चों के टीकाकरण, स्वास्थ्य जांच, पूरक पोषण आहार, बच्चों की अनौपचारिक शिक्षा आदि पर खर्च की जाती है। विभागीय अधिकारियों ने केंद्र प्रवर्तित योजनाओं की इस राशि को निजी बैंकों में जमा कर दिया है।

- Install Android App -

एकीकृत बाल विकास परियोजना और प्रधानमंत्री मातृ वंदन योजना की राशि भी इसमें शामिल है। इसके एवज में सौदे के मुताबिक मिलीं दो डिजायर गाड़ियों का उपयोग संयुक्त संचालक और सहायक संचालक कर रहे हैं। वहीं दो डिजायर और एक मारुति सुजुकी सियाज अभी मिलनी हैं। अधिकारियों का कहना है कि ये गाड़ियां सीएसआर (कार्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी) के तहत दी गई हैं, जबकि विशेषज्ञों की मानें तो सीएसआर के नियमों में अधिकारियों के लिए वाहन खरीदने का इस फंड में कोई प्रविधान नहीं है।

महिला एवं बाल विकास विभाग के संयुक्त संचालक दिलदार सिंह मरावी ने कहा, भारत सरकार के निर्देश पर ही हमने तीन निजी बैंकों में खाता खुलवाया है। राशि वहीं जमा करने के लिए निर्देश दिया गया था। हम अपने मन से कुछ नहीं करते। गाड़ियां दान में मिली थीं। उन्हें अब लौटा रहे हैं।

छत्तीसगढ़ शासन महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेड़िया ने कहा, सीएसआर के तहत विभाग को गाड़ी भी मिली है, इसकी जानकारी मुझे नहीं है। जिन अधिकारियों को गाड़ी दी गई है, उनसे ही जानकारी ले लेती हूं। मामले की जांच कराऊंगी।