मकड़ाई समाचार भोपाल। झारखंड पर एक ऊपरी हवा का चक्रवात बना हुआ है। इस चक्रवात से लेकर गुजरात तक एक ट्रफ बना हुआ है। इसके अतिरिक्त पंजाब से लेकर बंगाल की खाड़ी तक भी एक द्रोणिका लाइन (ट्रफ) बनी हुई है। इन तीन सिस्टम के सक्रिय रहने से शिथिल पड़े मानसून को ऊर्जा मिलने लगी है। जिसके चलते पूरे प्रदेश में रुक-रुककर बौछारें पड़ रही हैं। इसी क्रम में पिछले 24 घंटों के दौरान शुक्रवार सुबह साढ़े आठ बजे तक पचमढ़ी में 98, होशंगाबाद में 57.2, बैतूल में 51.4, नरसिंहपुर में 43, भोपाल में 41.1, सतना में 30.2, उमरिया में 19.9, छिंदवाड़ा में 18, सागर में 18, गुना में 17.6, जबलपुर में 14.7, टीकमगढ़ में 14, दमोह में 12, मंडला में 8, शाजापुर में 6, श्योपुरकला में 5, खंडवा में 4, खजुराहो में 2 मिलीमीटर बारिश हुई।
मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक अलग-अलग स्थानों पर तीन वेदर सिस्टम बने हुए हैं। इस वजह से अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से लगातार नमी आने लगी है। वातावरण में नमी मौजूद रहने और तापमान में बढ़ोतरी होने के कारण दोपहर बाद गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ने लगती हैं। मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि शुक्रवार-शनिवार को होशंगाबाद, रीवा, शहडोल, सागर, जबलपुर, भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर एवं चंबल संभाग के जिलों में कहीं-कहीं गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है। हालांकि मानसून के आने के बाद बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में कोई प्रभावी वेदर सिस्टम के नहीं बनने के कारण अभी प्रदेश में लगातार झमाझम बारिश नहीं हो सकी है। जुलाई की शुरुआत में अच्छी बरसात का दौर शुरू होने की संभावना है।