मकड़ाई समाचार भोपाल। प्रदेश के साथ-साथ राजधानी भोपाल में भी कोरोना संक्रमण का दायरा एक बार फिर बढ़ने लगा है। बुधवार को भोपाल में कोरोना मरीजों की संख्या 50 से ऊपर पहुंच गई। यहां 514 सैंपलों की जांच की गई, जिनमें से 51 मरीजों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई। यानी संक्रमण दर 10 प्रतिशत तक पहुंच गई है। गुरुवार को भी भोपाल में 468 सैंपलों की जांच में 34 मरीज मिले हैं। चिंता की बात यह है कि भोपाल में सोमवार से बुधवार के बीच लगातार तीन दिन में तीन मरीजों की मौत भी हुई है। बुधवार को चिरायु मेडिकल कालेज में 73 साल के एक बुजुर्ग ने दम तोड़ दिया।
जिले में सक्रिय मरीजों की संख्या अब 305 हो गई है। राहत की बात यह है कि इसमें सिर्फ आठ मरीज अस्पतालों में भर्ती हैं। बाकी होम आइसोलेशन में हैं। उधर, प्रदेश में बुधवार को 7948 सैंपलों की जांच में 244 मरीज मिले हैं। प्रदेश में सक्रिय मरीजों की संख्या 1580 है। इनमें 57 मरीज अस्पतालों में भर्ती हैं। बाकी होम आइसोलेशन में रहते हुए अपना इलाज करा रहे हैं।
एलएन मेडिकल कालेज में हृदय रोग से पीड़ित महिला का सुरक्षित प्रसव
उधर, राजधानी के जेके अस्पताल एवं एलएन मेडिकल कालेज में स्त्री एवं प्रसूति रोग, निश्चेतना, हृदय रोग तथा शिशु रोग विभाग के संयुक्त प्रयास से गंभीर हृदय रोग से पीड़ित गर्भवती महिला की सफल डिलीवरी की गई। इस महिला को सीवियर माइट्रल स्टीनोसिस, एओटिक स्टीनोसिस और पलमोनरी आर्टिरियल हाइपरटेंशन नामक दिल की अत्यंत गंभीर बीमारी है। हृदय रोग विशेषज्ञ के अनुसार इस बीमारी में गर्भावस्था एवं डिलीवरी जानलेवा होती है। ऐसे महिलाओं को गर्भवती ना होने की सलाह दी जाती है। लेकिन इस महिला की मां बनने की चाहत ने उसे यह जोखिम उठाने का साहस दिया। डिलीवरी के समय जब अन्य सभी अस्पतालों ने उसका इलाज करने से मना कर दिया तो उसे जेके अस्पताल में उसे भर्ती किया गया। जहां डा. विवेक त्रिपाठी (हृदय रोग विशेषज्ञ) से परामर्श लिया गया। उसके बाद डाक्टर नलिनी मिश्रा (डीन एलएनएमसीआरसी), डाक्टर निशा मिश्रा (एसोसिएट प्रोफेसर स्त्री प्रसूता विभाग), डा. आदित्य सिंह (असिस्टेंट प्रोफेसर), डा. आशीष सराओगी, निश्चेतना विभागाध्यक्ष डा. नूपुर चक्रवर्ती द्वारा दिए गए अत्यंत जोखिमपूर्ण निश्चेतना के अंतर्गत सिजेरियन द्वारा डिलीवरी करवाई गई और उसे हर तरह की जटिलताओं से बचाया गया।