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राजा बरारी क्षेत्र में आदिवासियो की जमीन पर राधास्वामी नामक संस्था का बर्षो से कब्जा, अब आदिवासी समाज के युवाओ ने खोला इस संस्था के खिलाफ मोर्चा

जंगल की जमीन और उत्पाद पर सिर्फ आदिवासी समाज का हक.

जल जंगल जमीन से जुड़े आदिवासी जंगल की उपज व उत्पादो पर निर्भर रहकर अपना जीवन यापन कर रहे है। जंगल के उत्पाद उपज पर पहला हक सिर्फ आदिवासियों का है। यह प्रकृति के सच्चे संरक्षक भी है। वहीं आदिवासी क्षेत्रो में कुछ संस्थाएं व एनजीओ आदिवासी उत्थान के नाम पर जंगलो में अपना कारोबार स्थापित करने लगते है। शुरुआत में यह लोग आदिवासी उत्थान के नाम पर यहां पर जगह कब्जाते है फिर अपना आफिस व कारोबार स्थापित करते है धीरे धीरे आदिवासी कला एवं संस्कृति परंपराओ में हस्तक्षेप करने लगते है। आदिवासियों का उत्थान जो होना चाहिए था वह अभी तक नही हो पाया है यह मामला जिले से 70 किमी दूर राजा बरारी स्टेट का है। जहा दयालबाग संस्था का एकतरफा राज है।
मकड़ाई समाचार रहतगॉव हरदा। सरकार की महत्वपूर्ण बहुत सारी जमीन पर दयालबाग आगरा का कब्जा हैं। इनके द्वारा बताए उददेष्य कि यह लोग आदिवासी समाज के उत्थान के लिए यहां पर काम कर रहे है। लेकिन इस मामले में आदिवासी समाज के लोगो का कहना है कि आदिवासियों के विकास के नाम पर इन लोगो ने बहुत सारी जमीन कब्जा कर रखी है। दूसरी यह लोग सरकार के नियम व कानून को भी नही मानते है। इनका अपनी व्यवस्थाएं है। आदिवासी समाज का शोषण करते है। अगर आज विगत 50 साल में इन लोगो ने आदिवासी समाज के लिए काम किया होता तो आदिवासी परिवार यहां वहां रोजी रोजगार के लिए नही भटकता।

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आदिवासी समाज के युवा हुए एकत्रित दिया एक दिन का अल्टीमेटम

बुधवार को रहटगांव वनपरिक्षेत्र के अंतर्गत रातामाटी राजा बरारी में दयाल बाग की राधास्वामी ट्रस्ट से आदिवासी समाज की जमीन को मुक्त कराने आदिवासी समाज नेे आंदोलन किया। इसके लिए देश भर से संगठन के कार्यकर्ता राजाबरारी पहुंचे। जहां उन्होने एक दिन का धरना प्रर्दशन आंदोलन किया। मप्र के अलावा अन्य प्रदेषो के कार्यकर्ता यहां पर पहुंचे। जिन्होने जिला प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द यहां की जमीन मुक्त कराकर आदिवासी परिवारो को सौंपें जाए। इसके लिए एक दिन का समय प्रशासन को दिया हे। जंगल की जमीन उत्पाद व उपज पर सिर्फ आदिवासी समाज का हक है। यह हक उन्हे प्रकृति ने दिया हे। वनाधिकार कानून में भी यही बात कही गई है।उन्होने रहटगांव तहसीलदार को ज्ञापन सौंपकर संस्था से क्षेत्र को मुक्त कराए जाने की बात की साथ ही जंगल की जमीन उत्पाद और उपज पर सिर्फ आदिवासी समाज का हक व अधिकार किए जाने की बात कही।

हम हक की लड़ाई के लिए लाठी का जबाब लाठी से देगे

जिला प्रशासन को एक दिन का समय देकर आदिवासी समाज की जमीन मुक्त कराने की बात आदिवासी नेता काकोड़िया ने की है। उन्होने कहा है कि आदिवासी समाज की जमीन पर गैर आदिवासी किसी भी प्रकार का कब्जा नही कर सकता है उसे न तो खरीद सकता और न ही लीज पर ले सकता है। आदिवासी की जमीन पर सिर्फ आदिवासी ही हक जता सकता है। जिला प्रशासन एक दिन में कार्यवाही नही करेगा। तो हम आदिवासी संगठन अपनी जमीन पर गैर आदिवासी संगठनो का कब्जा हटायेगें इसके लिए हम तैयार है। और समय आने पर लाठी का जबाब लाठी से देने को भी हम तैयार है।