पढ़ाने के साथ ही स्वयं भी पढ़ने वाले प्रोफेसर को मिला स्वर्ण पदक
मकड़ाई समाचार बड़वानी। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इन्दौर में बुधवार को दीक्षांत समारोह का भव्य आयोजन किया गया। खंडवा रोड स्थित विशाल एवं खचाखच भरे आॅडिटोरियम में उपस्थित शहीद भीमा नायक शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय बड़वानी के स्वामी विवेकानंद कॅरियर मार्गदर्शन प्रकोष्ठ के कार्यकर्ताओं प्रीति गुलवानिया, किरण वर्मा, डाॅ. ज्योति जोषी उपाध्याय के चेहरे उस समय प्रसन्नता से खिल उठे जब उनके शिक्षक और कॅरियर काउंसलर डाॅ. मधुसूदन चौबे को मध्यप्रदेष के माननीय राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने अपने कर-कमलों से गोल्ड मेडल पहनाया तथा मेरिट में टाॅप करने का प्रमाण-पत्र प्रदान किया। मंच अत्यंत ही भव्य था, जहां पर अपने अपने क्षेत्रों की बड़े व्यक्तित्व विराजमान थे। राज्यपाल महोदय के साथ ही माननीय उच्च शिक्षा मंत्री मध्य प्रदेश शासन डाॅ. मोहन यादव, पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर जी, सदस्य सचिव, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र नई दिल्ली डाॅ. सच्चिदानंद जोषी, कुलपति डाॅ. रेणु जैन, कुलसचिव डाॅ. अनिल शर्मा मंच को सुशोभित कर रहे थे। हाॅल में निर्धारित वेशभूषा में पीएच.डी. उपाधि प्राप्त करने वाले तथा स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले विद्यार्थी थे। डाॅ. मधुसूदन चौबे को एमए समाजशास्त्र की परीक्षा में कुल 1600 अंकों में से 1310 अंक अर्थात 81.76 प्रतिशत अंक प्राप्त करके विश्वविद्यालय में टाॅप करने के उपलक्ष्य में आर.सी. जाल चेरिटी ट्रस्ट स्वर्ण पदक प्रदान किया गया है।
पचास वर्षों से जारी है अध्ययनयात्रा
डाॅ. मधुसूदन चौबे ने कहा कि एक शिक्षक का कार्य निरंतर अध्ययन करना होता है। इसी सिद्धांत का अनुसरण करते हुए मैं पिछले पचास वर्षों से अध्ययन से तथा तीस वर्षों से अध्यापन से जुड़ा हुआ हूं। सभी परीक्षाएं मेरिट में स्थान बनाते हुए उत्तीर्ण की है। आगे भी अध्ययन जारी रखूंगा। मैं जो कुछ भी नया पढ़ता हूं, उसे अपने विद्यार्थियों तक सम्प्रेषित करता हूं। इस तरह से मेरा अध्ययन अंततः विद्यार्थियों के ही काम आता है।
विद्यार्थियों को किया स्वर्ण पदक समर्पित
डाॅ. चौबे ने अपना गोल्ड मेडल कॅरियर सेल के कार्यकर्ताओं तथा अपने विद्यार्थियों को समर्पित किया और यह अपेक्षा की कि वे भी अपने शैक्षणिक काल में इसी तरह सफलताएं प्राप्त करने के लिए परिश्रम करें।
उत्साहित हैं कार्यकर्ता और विद्यार्थी
कॅरियर सेल के कार्यकर्ता डाॅ. चौबे की इस सफलता से बेहद उत्साहित हैं। वे कहते हैं कि हमें सर के साथ रहने का अवसर मिलता है और हम सर से सीखते हैं कि अध्ययन कैसे किया जाता है तथा परीक्षा में सर्वोच्च सफलताएं कैसे प्राप्त की जाती हैं प्रीति गुलवानिया, ज्योति जोषी, किरण वर्मा, अंतिम मौर्य, रीना मौर्य, अंकित काग, राहुल मालवीया, कोमल सोनगड़े, वर्षा मालवीया, दीक्षा चैहान, राहुल भंडोले, राहुल सेन, उमा फूलमाली, प्रदीप बामनियां, सुनिल बामनिया, प्रीतम राठौड़, अदनान पठान, रितु बर्फा, रूपाली पाटीदार, रोषनी पाटीदार, महेष वास्के, अंषुल सुलिया, साक्षी परमार, दिव्या पाटिल, शालिनी राठौड़, उमेष राठौड सहित अनेक विद्यार्थियों ने खुशी व्यक्त की।
इस उपलब्धि पर पूर्व कुलपति डाॅ. शिवनारायण यादव, पूर्व विभागाध्यक्ष डाॅ. पुष्पलता खरे, प्राचार्य डाॅ. एनएल गुप्ता, डाॅ. मंजुला जोशी, डाॅ. कांता अलावा, डाॅ. आशा साखी गुप्ता, डाॅ. मीनाक्षी पंवार, डाॅ. अभिलाषा साठे, डाॅ. अर्चना सिसौदिया, डाॅ. आर. एस. मुझाल्दा, डाॅ. रणजीतसिंह मेवाड़े, डाॅ. बलराम बघेल, डाॅ. भूपेंद्र भार्गव, डाॅ. राजमलसिंह राव, डाॅ. श्याम नाईक, प्रो. नारायण रैकवार, प्रो. दिनेष रघुवंषी ने हर्ष व्यक्त किया और बधाई दी।