Russia Ukraine War : रूस और यूक्रेन के बीच कई महीनों से तनाव चल रहा था। आखिर में बात जंग तक पहुंच गई। रूस ने यू्क्रेन पर हमले के दूसरे दिन राजधानी कीव को घेरा। कुछ जगह यूक्रेन की सेना ने संघर्ष किया, अधिकांश जगह हथियार डाल दिए हैं। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने कहा कि चार महीने से अमेरिका, नाटो जैसी बड़ी ताकतें हमारा साथ देने की बातें करती रहीं। अब लड़ाई में हमें अकेला छोड़ दिया। अपनी हार सामने देख जेलेंस्की ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को बातचीत का न्योता दिया है। बता दें रूस और यूक्रेन की नहीं हैं। कई देश हैं जो युद्ध की कगार पर हैं। आइए जानते हैं विस्तार से।
चीन और ताइवान
दूसरे वर्ल्ड वॉर के बाद चीन में राष्ट्रवादी पार्टी कॉमिंगतांग और कम्युनिस्ट पार्टी के बीच संघर्ष शुरू हुआ। 1949 में कम्युनिस्ट पार्टी सत्ता में आई। माओ त्से तुंग राष्ट्रपति बने। कॉमिंगतांग की पार्टी के नेता भागकर ताइवान आ गए। उन्होंने इसे स्वतंत्र देश घोषित कर दिया। दोनों देश एक-दूसरे को मान्यता हीं देते हैं। अब तक 13 देशों ने ही ताइवान मान्यता दी है। चीन इसे अपना ही हिस्सा मानता है। चीन ताइवान पर हमला करने की कोशिश करता रहता है। चीन के लड़ाकू विमान कई बार ताइवान की सीमा में घुसपैठ कर चुके हैं। ताइवान ने चिंता चलाई है कि यूक्रेन संकट के बीच चीन हमला कर सकता है।
अजरबैजान और अर्मेनिया
अजरबैजान और अर्मेनिया सोवियत संघ का हिस्सा थे। दोनों के बीच नागोर्नो-काराबाख इलाके को लेकर विवाद है। जब सोवियत संघ टूटा तो यग इलाका अजरबैजान के पास चला गया। अजरबैजान मुस्लिम देश है, जबकि अर्मेनिया ईसाई राष्ट्र है। नागोर्नो-काराबाख की बहुत आबादी ईसाई है। वर्ष 2020 अक्टूबर-नवंबर में दोनों देशों के बीच युद्ध हुआ था। जिसमें 50 हजार से ज्यादा लोग मारे गए।
ईरान और सऊदी अरब
सऊदी अरब में सुन्नी और ईरान में शिया मुस्लिमों की आबादी अधिक है। मध्य पूर्व में दोनों देश अपना प्रभुत्व जमाना चाहते हैं। कहा जाता है कि इस्लाम का जन्म सऊदी में हुआ। वो खुद को मुस्लिम देशों के लीडर के तौर पर दिखाता है। हालांकि 1979 में ईरान में इस्लामिक क्रांति के बाद हालात बदल गए। दोनों यमन, सीरिया और बहरीन देशों पर अपना प्रभाव जमाना चाहते हैं। यमन में सऊदी गठबंधन और ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों के बीच शीत युद्ध चल रहा है।
फिलिस्तीन और इजरायल
वर्ष 1948 में फिलिस्तीन से अलग होकर इजरायल का जन्म हुआ। 55% हिस्सा फिलिस्तीन और 45% भाग इजरायल को मिला। इजरायल यहूदी और फिलिस्तीन मुस्लिम देश है। दोनों देशों के बीच येरूशलम को राजधानी बनाने को लेकर लड़ाई है। युद्ध में इजरायल फिलिस्तीन की जमीन कब्जा चुका है। अब 20 फीसद जमीन ही फिलिस्तीन के पास बची है। पिछले वर्ष भी इजरायल और हमास के बीच युद्ध हुआ था। बता दें हमास फिलिस्तीन का एक संगठन है, जिससे इजरायल आतंकी बताता है।