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शासन की कल्याणकारी योजनाओं का नही मिल रहा लाभ विभिन्न मांगों को लेकर पेशनर्स परिवार ने सीएम को लिखा पत्र

भोपाल। इस कोरोना महामारी के प्रकोप ने प्रदेश के मध्यम वर्गीय परिवार के आर्थिक स्थिति को बहुत खराब कर दिया है जिसमें प्रदेश के पेंशनर्स भी अछूते नहीं रहे । प्रदेश के पेंशनर्स के आर्थिक स्थिति अत्यंत खराब रहते हुए भी प्रधान मंत्री /मुख्य मंत्री राहत कोष में लगभग एक करोड़ रूपया के आर्थिक सहायता कि है।
जानकारी देते हुए प्रांतीय मीडिया प्रभारी आर बी सगर के कहा कि जब से कोरोना आया है तब से प्रदेश के पांच लाख पेंशनर्स में से लगभग 25 लाख पेंशनर्स परिवार अत्यंत आर्थिक विषमता से जी रहे है जिन को शासन की कल्याणकारी योजनाओं के लाभ प्राप्त नहीं हो रहा है। संघ की ओर से मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मांग की गई।  सगर ने कहा कि पूर्व में प्रदेश के पेंशनर्स के सेवा निवृत्त आयु 58 वर्ष रही और उनकी पेंशन भी बहुत कम रही है । दिनांक 01/01/1090 के पूर्व से लेकर दिनांक 01/01/2016 तक के वेतनमान में न्यूनतम पेंशन निम्नानुसार है 01-01-90 के पूर्व न्यूनतम पेंशन 375 / -रु . प्रतिमाह । 01-01-90 को पांचवे वेतनमान में न्यूनतम पेंशन 1275 / 01-01-2006 को छठये वेतनमान के न्यूनतम पेंशन 3025 / 01-01-2016 को सांतवे वेतनमान में न्यूनतम पेंशन 7750 / इससे स्थिति स्पष्ट होती है कि प्रदेश में एक मात्र पेंशनर्स प्रतिमाह 7750 / – रूपये से लेकर अधिक से अधिक 30000 / – रूपया प्राप्त कर रहे जो एक मजदूर के मजदूरी से अधिक नहीं है । प्रदेश में अधिकांश पेंशनर्स को ना तो निजी मकान है ना ही कृषि भूमि है । उनके अपने मामूली पेंशन से आपने घर गृहस्थी को चलाना पड़ता है और इस कोरोना महामारी ने पेंशनर्स का जीना दुभर कर दिया है । मध्यम वर्ग परिवार इस महामारी से कब तक जिन्दा रह पायेगा इस और शासन ने कभी नहीं सोचा यह वर्ग ना रोड में खड़े होकर मांग सकते है ना लड़कर ये खा सकते है ना ही याचक बनकर दान ले सकते है । कोरोना महामारी तेजी से बढ़ रही है और लगता है कि इस वर्ष दिसंबर तक इस महामारी से निजत पाना आसान नहीं है एवं विषम परिस्थिति में आर्थिक विषमता बताकर शासन पेंशनर्स के बकाया स्वत्तों के भुगतान नहीं करने पर पेंशनर्स में अत्यंत रोष वर्ष 2006 एवं 2016 में भी शासन की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं बताकर पेंशनर्स को छटवां एवं सातवा वेतनमान के बकाया राशि में रोक लगाया गंभीर बीमार से ग्रसित पेंशनर्स को निशुल्क औषधि उपलब्ध कराने वाली योजना के आवंटन देना बंद कर दिया गया है । इस महामारी के अवसर पर गरीब पेंशनर्स परिवार को जिन्दा रखने हेतु निर्माण कार्य एवंज न प्रतिनिधियों को दी जा रही विभिन्न सुविधाओं में कटौती कर पेंशनर्स के निम्न न्याय संगत हकों को उन्हें दिलाकर एक पेंशनर्स हित में शासन के परिचय देने का कष्ट करें ।

जीवन के अतिम पड़ाव में जी रहे इन वृद्ध पेंशनर्स को अपने हक के लिये यह रखी मांगे

उच्च न्यायालय जबलपुर के आदेश दिनांक 20/03/2020 के परिपालन में छठवें वेतनमान के एरिसर्य दिनांक 01/01/2006 से 31/08/2007 तक के 32 माह के भुगतान करें ।

सातवे वेतनमान दिनांक 01/01/2018 से 31/03/2020 तक के 27 माह के एरियर्स के भुगतान ।

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केन्द्र के समान प्रदेश के पेशनर्स को बकाया मंहगाई रात भुगतान उसी तिथि से किया जाये ।

गंभीर बीमारीयों को विशिष्ट उपचार हेतु बजट आवंटन 31/03/2020 को समाप्त हो गया है । आवंटन के अभाव में प्रदेश के पेंशनर्स के उपचार नहीं हो रहे है । कृपया बजट आवंटन संबंधित चिकित्सालय को उपलबा कराने की कृपा

माह अप्रेल 2020 से प्रारंभ होने वाला मुख्यमंत्री कर्मचारी स्वास्थ्य बीमा को प्रारंभ किया जाये जिससे पेंशनर्स को उपचार हेतु अधिक सुविधा प्राप्त हो सके

राज्य पुर्नगठन अधिनियम 2000 के पारा 49 समाप्त कराने के निर्णय तत्कालीन सरकार ने मंत्री परिषद में प्रस्ताव पारित किया था । इस धारा को हटाने की कार्यवाही सुनिश्चित करें ।