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श्रीमद भगवत गीता में सम्पूर्ण कर्म पर आधारित शास्त्र है “कर्मानुबंधे मनुष्य लोके “

पवन प्रजापत मकड़ाई समाचार मनावर। गीता ज्ञान प्रचारक समिति का यह पन्द्रहवे वर्ष में प्रवेश होने पर आज शोभायात्रा निकाली जो गायत्री मंदिर, बस स्टैंड, क्रांती चौपाटी, मालवी चौपाटी, धान मंडी , दुर्गा मंदिर बंक नाथ मंदिर होते हुए मंगला देवी मंदिर में शोभा यात्रा का समापन हुआ। समिति द्वारा कथावाचक पंडित अनिल शर्मा बग्धी पर बैठे हुए थे, का जगह-जगह पर स्वागत किया गया ।भागवत कथा के प्रथम दिवस पर श्री पंडित अनिल जी शर्मा ने बताया किआशीर्वाद और श्राप के बारे में विस्तृत से बताया गया।

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“प्रभु तेरा नाम ना छूटे रे” भजन पर श्रोतागण झूम उठे।उन्होंने कहा कि राष्ट्र धर्म हर धर्म से उचा है। देश के लिए अपनी जान भी देना पड़े तो पीछे नहीं हटना चाहिए।जीवन में शांति और प्रगति चाहते हो तो बीड़ी, सिगरेट, शराब ,मांसाहार का त्याग कर व्यसन मुक्त जीवन यापन करो। संसार पुण्य, पाप और धर्म इन तीन तत्वों से चल रहा है। जीवन में जब पाप कर्म किया हो तो उसके फल का भुगतान निश्चित करना पड़ेगा। जीव को पाप के उदय से अनेक प्रकार के रोग उत्पन्न होते हैं ,उन्हें देव गति मिलती है। लेकिन धर्म करना अत्यंत कठिन है। धर्म करने से जीव निश्चित ही पुण्य का बंध करता है। शरीर अपना नहीं। अपनी तो केवल आत्मा है। बाकी सब पराए हैं। भावना अत्यंत कठिन है। जीवन में व्यक्ति को संस्कार तो मिलते हैं,परवह ग्रहण नहीं करता है। मुख्य यजमान सुरेश पटेल भगवती पटेल, जगदीश चंद पाटीदार, रमेश कुशवाह, लक्ष्मण मुकाती,अनिल शर्मा, विकास शर्मा,मोहन सोनी, जाटपुर की महिलाओं का सहयोग रहा।