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सचिव की लाकडाउन मे हुई़ं आकस्मिक मृत्यु नही मिली कोरोना बीमा राशि

स्व अशोक वर्मा के परिवार शासन से मिला नही आपेक्षित सहयोग

कोरोना संक्रमण काल के दौरान प्रशासन की टीम में सभी लोगो ने अपनी जान जोखिम में डालकर घर परिवार की चिंता किए बगैर 18-18 घंटे तक काम किया।इसको लेकर सरकार ने कर्मचारियों की मृत्यु होने की दशा में कोरोना योेद्धा बीमा के तहत 50लाख रुपये की सहायता परिवार को दिए जाने की घोषणा की थी।

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मकड़ाई समाचार,हरदा|ग्राम पंचायत मुहाड़िया के सचिव अशोक वर्मा की 9 जून को आकस्मिक मृत्यु डयूटी के दौरान होने के बाद से आज उनका परिवार आर्थिक समस्या से जूझ रहा है।स्व़ वर्मा के अधिकारियों ने अभी तक इस मामले में उनकी कोई मदद नही की है।इनके लिए आज तक परिवार से किसी अधिकारी ने संपर्क तक नही किया है,, यह कैसी मानवता है़……..?

सरकार के आदेश का ही कर रहे थे पालन – मप्र शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्रालय भोपाल के 19 अप्रेल 2020 के पत्र के माध्यम से कोविड-19 में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के ग्राम पंचायत के सचिव संपूर्ण ग्रामीण क्षेत्र में शासन निर्देशानुसार एवं वरिष्ठ कार्यालय अधिकारियों द्वारा समय-समय पर दिए गए निर्देशो के अनुसार ग्राम पंचायत के सचिवो द्वारा लाकडाउन का पालन करवाया जा रहा था।सचिवो द्वारा शासन के आदेश के तहत लोेगो को हाथ धुलवाना सेनेटाईज कराना,मास्क वितरण,घरो मं रहने की समझाईश देना।इसके साथ अन्य स्थानों से आ रहे लोगो को स्वास्थ्य परीक्षण कराना उनका सैम्पल लिए जाना आदि कार्य कराए जाते थे।सचिवो द्वारा अपने परिवार की चिंता किए बगैर 18-19 घंटो तक कार्य किया जाता था।जब अपने घर वापिस आते तो बहुत सावधानी रखते थे।परिवार के लोग उनकी खैरियत के लिए भगवान से प्रार्थना करते रहते है।हर दिन डर के साये में जिए है।सरकार द्वारा कोरोना काल में किसी भी कर्मचारी की मृत्यु होने पर उसको मुख्यमंत्री कोरोना निधि सम्मान में परिवार को 50 लाख रुपये दिए जाने की घोषणा की थी।

मकड़ाई समाचार की टीम ने उठाया मामले को 

मकड़ाई समाचार की टीम ने जब इस संबंध मे जिले सचिवो से संपर्क किया और बात कही तो सच्चाई यही सामने आई कि अभी तक मुख्यमंत्री कोविड-19 योद्धा कल्याण योजना के तहत मिलने वाली बीमा राशि के लिए अभी तक कोई भी कार्यवाही नही हुई।इस संबंध में हमने मप्र सचिव संगठन के प्रदेशाध्यक्ष दिनेश शर्मा ने कहा कि प्रदेश में कई जिलो में सचिवो को कोरोना यो़द्वा माना गया है और सहायता भी मिली है लेकिन हरदा में 18 घंटे लगातार काम करने वाले सचिव अशोक वर्मा को कोरोना योद्धा क्यो नही माना गया किस अधिकारी ने रिपोर्ट शासन को दी जिसको लेकर सीएम से शिकायत की जायेगी। उन्होने स्थानीय पदाधिकारियों पर भी नाराजगी व्यक्त की। उनकी नाराजगी के बाद खिरकिया ब्लाक के सचिव संगठन के पदाधिकारियों द्वारा एडीएम और भाजपा जिलाध्यक्ष को ज्ञापन सौंपकर कोरोना योद्धा की राशि दिये जाने की मांग।