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हंडिया पटवारी रमेश नाग की मिलीभगत से शासकीय भूमि पर हो रहा निर्माण कार्य, मूकदर्शक बन कर बैठी तहसीलदार

सरकारी राजस्व भूमि पर कब्जे करने वाले व्यक्ति के खिलाफ धारा 91 में केस दर्ज होता है। जिसमें लगान का 50 गुना जुर्माना,3 माह तक की सजा का प्रावधान है। राजस्वभूमि पर कब्जा करने की शिकायत मिलती है,तो पटवारी धारा 91 में केस दर्ज करता है। इसकी सुनवाई तहसीलदार,नायब तहसीलदार करते हैं। सरकारी राजस्व भूमि पर कब्जा करने वाले लोगो के विरुद्ध कार्यवाही करने की जिम्मेदारी पटवारी,तहसीलदार और नायब तहसीलदार की होती है। इतना ही नही मकड़ाई समाचार के हाथ कुछ ऐसे अहम दस्तावेज लगे है। जिसमे हडिया तहसील क्षेत्र में सैकड़ों एकड़ शासकीय भूमि  वर्तमान में कई बार बिक चुकी  ऐसी शासकीय भूमियों का भी मकड़ाई समाचार पर्दाफास करेगा। जो शासकीय रिकॉर्ड में वर्षो से चली आ रही है। लेकिन वर्तमान में वह भूमि  दो से तीन बार बिक चुकी है। पटवारी की रिपोर्ट पर आर आई तहसीलदार ने उनका नामांतरण कर दिया है। यहां पर सीधे सीधे लाखो रुपयों का खेल करके शासकीय भूमि को कई लोगो को बेचा गया है। 
मकड़ाई समाचार हरदा हंडिया। अगर ये तहसील प्रशासन की जिम्मेदार ईकाई अपने कर्तव्य निर्वहन के पालन में ढील दे यां लोगो से सांठगांठ कर ले तो सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा हो जायेगा। सरकारी तंत्र द्वारा सख्त कार्यवाही न होने से अतिक्रमणकर्ताओ के हौसले बुलंद हैं यही सब हंडिया में हो रहा हैं। एक ओर लोग अपनी मनमानी कर सरकारी जमीनों में पर कब्जा कर रहे हैं। कब्जा ही नही कर रहे बल्कि उस पर पक्का निर्माण कार्य भी कर रहे हैं । वह भी हंडिया तहसील कार्यालय से मात्र कुछ दूरी पर यह कार्य चल रहा हैं। जिम्मेदार लोगो की शह मिली है तो अतिक्रमणकर्ता जमीनों पर कब्जा कर रहे है। सूत्रो की माने तो यहां पर पटवारी की मिली भगत से लोग अतिक्रमण कर रहे हैं। वहीं तहसीलदार को भी यह सब मालूम है मगर वह भी कार्यवाही नही कर रही है। उनका मूक समर्थन से अतिक्रमणकर्ता इन जमीनों पर कब्जा कर निर्माण कार्य कर रहें है।तहसील हंडिया में सरकारी जमीनों को सर्वेक्षण  किया जाए तो ऐसे बहुत सी जमीन मिलेगी जिस पर लोगो ने अतिक्रमण कर रखा है। गॉव  सरपंच के परिवार के लोगो के द्वारा

भी अवेद्ध अतिक्रमण कर पक्का निर्माण कराया जा रहा है।

अवैध कब्जे को लेकर पूर्व में खबर प्रकाशित की थी
लोग सरकारी जमीनों पर कब्जा कर अवैध निर्माण कर लेते है। ऐसा ही कुछ मामला हमे पहले भी हंडिया में देखने को मिल रहा था। जहां तहसील के अधिकारियों के संरक्षण में नगर मंें सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा कर अवैध निर्माण किया जा रहा था। अवैध निर्माण को लेकर मकड़ाई समाचार द्वारा पिछले माह भी खबर लगाई थी। तहसील कार्यालय के आस पास ही लोग सरकारी जमीन पर कब्जा कर रहे हैं। इस पर तहसीलदार अर्चना शर्मा द्वारा अतिक्रमणकर्ताओ को समझाईश दी गई थी।कुछ दिनो तक तो निर्माण कार्य बंद हुआ फिर कुछ दिनों ये शुरु हो गया है।

पटवारी के संरक्षण में हो रहा अतिक्रमण
अभी कुछ दिनों से इस मामले में शिकायत मिल रही है कि खसरा क्रमंाक 191 रकबा 2.9140 सम्पूर्ण शासकीय भूमि है। इस जमीन पर लोगो द्वारा अतिक्रमण किया जा रहा है। लोगो को पूर्व मं भी समझाईष दी गई मगर कुछ दिनो बाद वह फिर अतिक्रमण करना षुरु कर दिया है। लोगो की माने तो इन्हे पटवारी का संरक्षण प्राप्त है। जिन्हे अवैधानिक हरकत को रोकना चाहिए था मगर आपसी मेलजोल के चलते यह कोई कार्यवाही नही करते है तो अतिक्रमणकर्ता अपनी मनमानी कर सरकारी जमीन पर पक्का निर्माण कर रहे है।

समझाईस नही अब सख्त कार्यवाही हो
तहसीलदार द्वारा अतिक्रमणकर्ताओ को

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समझाइस देने से कोई फर्क नही पड़ता है वह फिर कुछ दिनों के बाद दोबारा मनमानी कर सकते है।भू राजस्व संहिता के अनुसार जो सरकारी जमीन पर कब्जा करने वालो के खिलाफ संवैधानिक कार्यवाही की जानी चाहिए। अगर नगर में एक बार तहसीलदार कठोर कार्यवाही करे तो अतिक्रमण करने वालो को सबक मिल जायेगा। सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा करने के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही की जानी चाहिए।