हरदा। एक और जहां चारो ओर कोरोना का कहर मंडरा रहा है।देश मे कर्फ्यू लगा है। कोरोना से लड़ने के लिए सरकार प्रशासन डॉक्टर, पुलिस, समाजसेवी दानदाताओ ने अपने अपने हाथ आगे बढ़ा दिए।। भारत की इस भूमि मे ऐसे ऐसे महापुरूषों ने जन्म लिया है। जिनको हम आज भी इतिहास में याद करते है। देश पर जब भी संकट आया। भारत का हर एक हिंदुस्तानी एकजुट होकर देश की रक्षा के लिये खड़ा रहा है। वर्तमान में कोरोना से लड़ने के लिए भी समाज का हर एक वर्ग तन मन धन से खड़ा हुआ है। लेकिन यह युद्ध हम अपने अपने घर मे 21 दिन रहकर ही जीत सकते है। जिंदगी अनमोल होती है। यह हम सब जानते है। और वर्तमान में जब कोरोना के नाम से लोगो मे भय है। ऐसे हालातो में हरदा जिले के नजरपुरा गॉव का विकलांग युवक जो स्वयं की जान की परवाह किये विना ही। कोरोना से लड़ने के लिये स्वयं का शरीर सरकार को दान करने के लिए CM शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर मांग करता है। कि में विकलांग हु। मेरा शरीर मे दान देने को तैयार हूं।
ज्ञात हो कि सुरेश रीड की हड्डी टूटने के कारण विकलांग है। जिसका कोई इलाज नही
रीड की हड्डी टूटने के कारण विकलांग लोगों की संख्या पूरे मध्यप्रदेश में कम से कम 600 के आसपास है और पूरे इंडिया की 29 राज्यों में 17000 के आसपास लोग रीड की हड्डी टूटने के कारण विकलांगता भरी जिंदगी जीने को मजबूर है।
कृपया मेरा निवेदन स्वीकार करे। और देश की सेवा का मौका मुझे देने की कृपा करें।
क्या लिखा है। युवक ने पत्र में।
मान्यवर मुख्यमंत्री महोदय जी मध्यप्रदेश भोपाल।
मैं सुरेश चौहान 33 वर्ष निवासी रहटगांव तहसील, जिला हरदा (म.प्र)नजरपुरा का निवासी हूँ।मेरी रीड की हड्डी टूट जाने के कारण पूरी तरह विकलांग हो चुका हूं, जिसका इलाज दुनिया में किसी डॉक्टर के पास नहीं है . रीड की हड्डी टूट जाने के कारण आज मेरा शरीर किसी काम का नहीं बचा है।लेकिन देश मे इस समय कोरोनावायरस का संकट हैं, जिससे पूरी दुनिया के लोग मौत के भंवर में फंसे हैं जहां हर कोई अपनी हैसियत के हिसाब से मदद करने को तैयार खड़े मैं अपनी तरफ से ज्यादा कोई मदद तो नहीं कर सकता किंतु देश की सरकार और देश के वैज्ञानिक अथवा डॉक्टरों को अपना पूरा शरीर कोरोना वायरस का परीक्षण करने के लिए दान देने को तैयार हूं,
जब शासन मुझे मेरे अंग दान करने की अनुमति नहीं देता है तो कम से कम पूरी दुनिया के लिए मेरा पूरा शरीर ले लिया जाए अगर मेरा शरीर किसी काम में आएगा तो मैं अपने आप को खुशनसीब समझूंगा श्रीमान जी से निवेदन करता हूं कि मेरे द्वारा जाहिर की गई इच्छा पर विचार करें।चुकी मे चलने मे सक्षम नहीं हु इसलिये मै यह सुचना मेल या वाट्सएप के माध्यम से भेज रहा हूँ।.
मो.न. 99,26,54,45,89
धन्यवाद
सुरेश चौहान नजरपुरा,तहसील रहटगांव